India News (इंडिया न्यूज), India Pakistan Tension: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम सीमा पर पहुंच गया है। माहौल ऐसा बन गया है मानों कभी भी जंग हो सकता है।दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की वजह से पूरी दुनिया टेंशन में आ गई है। एक तरफ जहां पाकिस्तान दुनिया के सामने अपनी झूठी बेगुनाही का ढोल पीट रहा है। जबकि इस बार भारत तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक उसकी पोल न खुल जाए। पहलगाम हमले को लेकर रूस और अमेरिका जैसे कुछ देश खुलकर भारत के साथ हैं। जबकि चीन और तुर्की समेत कुछ देश पाकिस्तान के साथ हैं। कुछ यूरोपीय देश या तो तटस्थ रहकर मजे ले रहे हैं या फिर सैन्य कार्रवाई न करने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में जिस तरह से एस जयशंकर ने यूरोपीय देशों को चमकाया है, उसके बाद यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस के सुर भी बदल गए हैं। उन्होंने भी दोषियों को कड़ी सजा देने की बात भारत की भाषा में कही।
एस जयशंकर ने क्या कहा?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुछ दिन पहले आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम में कुछ कहा था। यह पूरी दुनिया के लिए एक संदेश था, जो पाकिस्तान से हमदर्दी रखते हैं या भारत को सैन्य कार्रवाई करने से रोकने की सलाह देते हैं। उस कार्यक्रम में एस जयशंकर ने दुनिया को साफ-साफ बता दिया था कि हमें उपदेशक नहीं चाहिए। जब हम दुनिया की तरफ देखते हैं तो हम उपदेशकों यानी ज्ञान देने वालों की नहीं बल्कि साझेदारों की तलाश करते हैं। खासकर ऐसे उपदेशकों की जो दूसरों को जो सिखाते हैं, वह अपने देश में नहीं करते। दरअसल, जयशंकर यूरोप के उन देशों की तरफ इशारा कर रहे थे, यूरोप के कई देश भारत को सैन्य कार्रवाई का विकल्प न आजमाने और बातचीत के जरिए मसले को सुलझाने की सलाह दे रहे हैं।
UN महासचिव ने क्या कहा?
जयशंकर के इस बयान को सुनने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के तेवर भी बदल गए हैं। इसकी एक झलक उनके ताजा बयान में भी देखने को मिलती है, जब उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। एंटोनियो गुटेरेस ने 5 मई को अपने ताजा बयान में कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पिछले कई सालों में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। मैं दोनों देशों की सरकारों और लोगों का बहुत सम्मान करता हूं और उनका आभारी हूं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के काम में बहुत बड़ा योगदान दिया है। खासकर यूएन पीसकीपिंग में। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव देखकर मुझे बहुत दुख होता है।’
इसके अलावा, यूएन चीफ ने पहलगाम हमले की निंदा की है। उनके बयान के मुताबिक, ’22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मैं इसे समझ सकता हूं। मैं एक बार फिर इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है। दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। यह भी बहुत जरूरी है कि इस मुश्किल वक्त में किसी भी तरह के सैन्य टकराव से बचा जाए। ऐसा कोई भी टकराव आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है।’