India News (इंडिया न्यूज), India Russia Relations: रूस हमेशा से भारत का पक्का दोस्त रहा है। जब भी जरूरत पड़ी, वह साथ आया। लेकिन इस बार उसने युद्ध की स्थिति के बावजूद भारत का खजाना भर दिया है। सरकार की ओर से संसद को दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में रूसी निवेशकों ने भारत में 18.45 मिलियन डॉलर का निवेश किया, जो वित्त वर्ष 2024 के 5.16 मिलियन डॉलर के आंकड़े से 300 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी है। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-दिसंबर) में भारत में विदेशी निवेश में गिरावट देखने को मिली है।
सरकार ने लोकसभा में पेश किया रिपोर्ट
लोकसभा में पेश आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। 2024 के आखिरी 9 महीनों में भारत में 62.48 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 71.27 बिलियन डॉलर और वित्त वर्ष 2023 में 71.35 बिलियन डॉलर था। कुल एफडीआई में इक्विटी प्रवाह, गैर-बैंकिंग संस्थानों की इक्विटी पूंजी, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी योगदान शामिल हैं। पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। वित्त वर्ष 24 में 41.04 बिलियन डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया।
सरकार ने उठाए ये कदम
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में FDI को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें उदार निवेश ढांचा स्थापित करना और अधिकांश क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग के तहत 100% FDI की अनुमति देना शामिल है। निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए रक्षा, दूरसंचार, ई-कॉमर्स, नागरिक उड्डयन, फार्मास्यूटिकल्स, बीमा, डिजिटल मीडिया और कोयला खनन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए गए हैं। FPI के लिए, सरकार ने प्रक्रियाओं को सरल बनाने और अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े सुधार पेश किए हैं।