इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
India Was Objecting on CPEC: चीन के बेल्ट एंड रोड अभियान (बीआरआइ) के अंतर्गत बने चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कारिडोर यानी सीपीईसी (CPEC) पर भारत का विरोध है। यह इकोनोमिक कारिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बीच से होकर आ रहा है, जो मूल रूप से भारत का अभिन्न अंग है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक सीपीईसी पर जब अपनी आपत्ति (India Was Objecting on CPEC) जता रही थीं तभी उनका माइक खराब हो गया इस वजह से उन्हें बिना माइक के ही धीमी आवाज में अपनी बात संयुक्त राष्ट्र में कहनी पड़ी।
India Was Objecting on CPEC सम्मेलन में हुआ माइक खराब
सीपीईसी पर इस सम्मेलन का आयोजन चीन की तरफ से किया गया था। इसलिए इस गड़बड़ी को भारत की विरोध की आवाज धीमी करने की साजिश के तौर पर देखा जा रहा है। माइक फेल होने की घटना से थोड़ी देर के लिए सम्मेलन में खलबली मच गई लेकिन कुछ ही देर में इस खराबी को ठीक कर लिया गया। लेकिन तब तक भारतीय राजनयिक प्रियंका सोहोनी अपनी बात संयुक्त राष्ट्र में कह चुकी थीं और अगले वक्ता के बोलने की बारी आ गई थी।
India Was Objecting on CPEC उप महासचिव ने दुबारा बात कहने का अनुरोध किया
संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव लियू जेनमिन ने माइक ठीक होने के बाद भारतीय राजनयिक से दुबारा अपनी बात कहने का अनुरोध किया, और उन्होंने गड़बड़ी पैदा होने के लिए खेद भी जताया। संयुक्त राष्ट्र स्थित भारतीय दूतावास में सचिव (द्वितीय) प्रियंका सोहोनी ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि आर्थिक फायदों को प्राप्त करने के लिए आपसी संपर्क बढ़ाया जाना चाहिए। यह आर्थिक विकास का बराबरी वाला और संतुलित तरीका होगा।”
सोहोनी ने आगे कहा है कि “जहां तक चीन के बीआरआइ का सवाल है तो उसके अंतर्गत बन रहा सीपीईसी भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचा रहा है। यह कारिडोर चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है। इस कारिडोर का निर्माण पूरा हो चुका है लेकिन इसके अंतर्गत अन्य विकास कार्य जारी हैं।”
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