India News (इंडिया न्यूज), Striker-Javelin ATGM For Indian Army : भारत में तेजी से सेना के तीनों अंगों में आधुनिकीकरण को लेकर काम चल रहा है। इसी कड़ी में सेना अपने पुराने सैन्य सामानों को आधुनिक सामानों में बदलने की प्रक्रिया में लगी हुई है। अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात में इसको लेकर बड़ा ऐलान हुआ है। भारतीय सेना जल्द ही 500 से ज्यादा इंफ्रैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ICV) को अमेरिकी ICV स्ट्राइकर से बदलने जा रही है।
हाल के समय में सेना के मैकेनाइज्ड इंफैंट्री में करीब 2000 रूसी ICV BMP-2 मौजूद हैं। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में रक्षा सहयोग को बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई। इसी के बाद भारतीय सेना के लिए ICV स्ट्राइकर और जैवलीन ATGM का रास्ता भी साफ हो गया है।
दोनों नेताओं के संयुक्त बयान में कहा गया, अमेरिका भारत के साथ अपने मिलिट्री सेल और सह-निर्माण को बढ़ाएगा। इसके अलावा यह घोषणा की गई कि इस वर्ष जैवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और स्ट्राइकर इंफैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के लिए नई खरीद और सह-निर्माण व्यवस्थाओं पर काम किया जाएगा। जिससे भारत की रक्षा जरूरतों को तेजी से पूरा किया जा सके।
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लद्दाख में हुआ है स्ट्राइकर का ट्रायल
जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी कंपनी जनरल डायनामिक्स लैंड सिस्टम्स ICV स्ट्राइकर को बनाती है। कपंनी ने पिछले साल यानी 2024 के सितंबर-अक्टूबर महीने में लद्दाख के हाई एल्टिट्यूड इलाके में सेना को डेमो दिया था। यह डेमो समुद्री तल से 13 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर दिया गया था। वहीं इस वक्त भारतीय सेना के पास 2 तरह के ICV उपलब्ध हैं। इसमें एक ट्रैक्ट या टैंकों की तरह ट्रैक पर चलने वाले, वहीं दूसरा व्हील्ड यानी टायरों पर चलने वाले शामिल हैं। अब भारतीय सेना व्हील्ड ICV को बदलकर अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
ATGM जैवलिन माउंटेड स्ट्राइकर से मिलेगी सेना को धार
अमेरिकी ICV स्ट्राइकर के कई अलग-अलग वेरिएंट्स आते हैं। जानकारी के मुताबिक बारतीय सेना को इनमें से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल कैरियर की जरूरत है। स्ट्राइकर के ट्रायल के दौरान जैवलीन ATGM का भी ट्रायल भी किया था। बता दें कि यह मिसाइल किसी भी टैंक, बख्तरबंद गाड़ी को बहुत आसानी से तबाह कर सकती है। वहीं अगर हम इसकी खासियत की बात करें तो जैवलिन मिसाइल अपने लक्ष्य का निशाना साधने के लिए इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करती है। इस मिसाइल का वजन 22.3 किलोग्राम है और मारक क्षमता 2500 मीटर तक है। इसकी नाइट विजन क्षमता के कारण इससे रात में भी आसानी से निशाना साधा जा सकता है।