India News (इंडिया न्यूज), Gujaratis Leaving Indian Citizenship: गुजराती लोगों का भारतीय पासपोर्ट छोड़ने का चलन लगातार बढ़ रहा है। 2021 से अब तक 1187 गुजराती अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ कर दूसरे देशों में बस गए हैं। कनाडा गुजरातियों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
कनाडा गुजरातियों की पहली पसंद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात के युवा पढ़ाई के लिए कनाडा जा रहे हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपना करियर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कनाडा की नागरिकता मिलने के बाद वे भारतीय नागरिकता छोड़ कर वहीं बस रहे हैं।
2023 में 485 पासपोर्ट किए गए सरेंडर
रिपोर्ट्स का दावा है कि जनवरी 2021 से अब तक 1187 गुजरातियों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 485 पासपोर्ट सरेंडर किए गए, जो 2022 की तुलना में दोगुना है। इनमें से ज़्यादातर लोग 30 से 45 आयु वर्ग के हैं और अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रह रहे हैं।
नागरिकता छोड़ने के मामले में गुजराती तीसरे मामले पर
अगर हम अखिल भारतीय आंकड़ों पर नज़र डालें तो 2014 से 2022 के बीच 22,300 गुजरातियों ने नागरिकता छोड़ी। यह संख्या दिल्ली (60,414) और पंजाब (28,117) के बाद देश में तीसरे नंबर पर है। बता देंं कोविड के बाद पासपोर्ट सरेंडर में और तेज़ी आई है।
क्यों विदेश जा रहे हैं लोग
विदेश जाने वाले ज़्यादातर युवा पढ़ाई के लिए जाते हैं और फिर वहीं बस जाते हैं। इसके अलावा, बेहतर ज़िंदगी जीने की उम्मीद में भी लोग विदेश जा रहे हैं। इन्वेस्टर वीज़ा कंसल्टेंट ललित आडवाणी कहते हैं कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और लाइफ़स्टाइल के लिए कारोबारी विदेश जा रहे हैं। भारत में जिन लोगों का रहन-सहन का स्तर अच्छा है, वे भी प्रदूषण और खराब सड़कों जैसी समस्याओं के कारण विदेश जाने की सोच रहे हैं।
संबंधित अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में पासपोर्ट सरेंडर करने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है। उनका कहना है कि 2012 के बाद से विदेश जाने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। और जो लोग विदेश में बस गए हैं, वे अब वहां की नागरिकता हासिल कर रहे हैं।