India News (इंडिया न्यूज), 18 Indian Citizens Rescue From Libya : मिडिल ईस्ट में मौजूद लीबिया में भारतीय दूतावास ने बेनगाजी से 18 भारतीय नागरिकों की वापसी में मदद की। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि बचाए गए लोग कई हफ्तों से शहर में फंसे हुए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, लीबिया में भारतीय दूतावास ने बेनगाजी, लीबिया से 18 भारतीय नागरिकों की वापसी में मदद की है। वो कल भारत पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, वो लीबिया में काम करने गए थे और कई हफ्तों से फंसे हुए थे। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया और भारतीय श्रमिकों को आवश्यक प्राधिकरण और यात्रा दस्तावेज दिलाने में मदद की।

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उन्होंने कहा कि दूतावास भारतीयों के संपर्क में रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “जबकि उनके मामले पर विचार किया जा रहा था, दूतावास उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए लगातार उनके संपर्क में रहा और उन्हें दैनिक जीवन की वस्तुओं के साथ सहायता प्रदान की।” विदेश मंत्रालय के अनुसार, दूतावास की सहायता से उसी समूह के तीन अन्य भारतीय नागरिक पिछले अक्टूबर में भारत लौट आए थे।

लीबिया 2014 में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का सामना कर रहा है। इसके कारण, भारत सरकार ने 16 अप्रैल, 2016 को भारतीय नागरिकों के लीबिया जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। हाल के महीनों में सुरक्षा स्थिति और खराब हो गई है। वर्तमान में, भारत और लीबिया के बीच कोई सीधी उड़ान नहीं है।

लीबिया का तानाशाह

अगर हम दुनिया के तानाशाहों की चर्चा करेंगे तो उसमें मुअम्मर गद्दाफी का नाम हमेशा ऊपर रहेगा। मुअम्मर गद्दाफी ने पश्चिमी देशों की नाक में ऐसा दम किया हुआ था कि उसके खात्मे के लिए नाटो की फौज को उतारना पड़ा था। गद्दाफी बेहद रंगीन मिजाज का शख्स था। उसकी सबसे करीबी सुरक्षा घेरे में खूबसूरत लेकिन बेहद खतरनाक लेडी किलर्स का दस्ता तैनात रहता था। इस डिक्टेटर ने अपनी सुरक्षा में विदेशी गॉर्ड्स लगाए थे, क्योंकि उसे अपनों पर भरोसा नहीं था।

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