India News (इंडिया न्यूज), Indian Origin Muslim Immigrant Torchered In America: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए दिन अपने ऊल-जलूल बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं। यही नहीं उनके कुछ फैसलों का नुकसान अमेरिका की जनता उठा रही है, जिसमें से एक US में दस्तक दे चुकी मंदी भी है। इन सबके बीच अमेरिका में रह रहे आप्रवासियों की हालत तो जगजाहिर है। हाल ही में एक आप्रवासी के साथ हुए दिल दहलाने वाले टॉर्चर की दास्तां सामने आई है, जो अमेरिकी मूल का बताया जा रहा है। ये मुस्लिम शख्स अपनी आपबीती सुनाते हुए अमेरिका की घोर अन्याय वाली व्यवस्था पर फट पड़ा।
दरअसल, ये कांड हुआ है जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के विजिटिंग स्कॉलर बदर खान सूरी के साथ, जिन्होंने अमेरिकी मीडिया से बातचीत में अपनी दर्दनाक आपबीती शेयर की है। उन्होंने बताया कि ‘इमिग्रेशन अधिकारियों को बिना किसी सबूत के ये शक हो गया था मेरा कनेक्शन किसी न किसी तरह हमास से है’। जो कि अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित है। बस इसी आरोप में उन्हें उठा लिया गया और उनके साथ बेहद अमानवीय बर्ताव किया गया। उन्होंने बताया कि अधिकारी घर के बाहर सादे कपड़ों में घूम रहे थे और अचानक अरेस्ट करने आ गए। बदर को 2 महीने तक हिरासत में रखा गया और कई बार चेहरा ढक कर अलग-अलग डिटेंशन सेंटरों के चक्कर लगवाए गए।
बदर कहते हैं कि कई दिनों तक तो उन्होंने अपनी परछाई तक नहीं देखी। उन्होंने कहा ‘मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे कहां और क्यों ले जाया जा रहा था, मेरे टखने, कलाई से लेकर पूरी बॉडी चेन से बांध कर रखी गई। जबकि मेरे ऊपर लगे आरोपों के कोई ठोस सबूत नहीं थे। मेरे साथ निचले स्तर के नागरिक जैसा बर्ताव किया गया। मेरा परिवार बहुत दर्दों से गुजरा, मेरे 9 साल के बेटे का रो-रो कर ऐसा हाल हो गया कि उसे थैरेपी में ले जाना पड़ा। मेरे 3 बच्चे हैं, एक बेटा और दो जुड़वा बच्चे’। बता दें कि बदर खान सूरी को अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया की यूएस डिस्ट्रिक्ट जज पेट्रीसिया गिल्स ने बुधवार को रिहा कर दिया था। जज ने यहां तक कह दिया कि ‘खान की हिरासत ने अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है, ये गैर कानूनी है’।