भारतीय नागरिकों के 126 मामले
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों के 126 मामले सामने आए हैं। इन 126 मामलों में से 96 लोग भारत लौट आए हैं और उन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी मिल गई है।” उन्होंने कहा कि 18 भारतीय नागरिक अभी भी रूसी सेना में हैं और उनमें से 16 का पता नहीं चल पाया है। जायसवाल ने कहा, “रूसी पक्ष ने उन्हें लापता की श्रेणी में रखा है… हम बचे हुए लोगों की जल्द रिहाई और स्वदेश वापसी की मांग कर रहे हैं।”
बिनिल बाबू की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण-जायसवाल
इस सप्ताह की शुरुआत में बताया गया था कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात केरल के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसके रिश्तेदार को गंभीर चोटें आईं। मृतक की पहचान केरल के त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी निवासी 32 वर्षीय बिनिल टी बी के रूप में हुई है। घायल व्यक्ति का नाम जैन टी के (27) है, जो उसी इलाके का रहने वाला है। बिनिल की मौत पर शोक जताते हुए जायसवाल ने कहा, “बिनिल बाबू की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। हमारा दूतावास उनके शव को जल्द से जल्द भारत वापस लाने के लिए रूसी अधिकारियों के संपर्क में है। घायल हुए एक अन्य व्यक्ति का मॉस्को में इलाज चल रहा है। उसके भी इलाज पूरा होने के बाद जल्द ही भारत लौटने की उम्मीद है।
भारतीयों की जल्द रिहाई की मांग की
बिनिल और जैन उन कई भारतीय युवाओं में शामिल हैं जो अप्रैल में रूस की सैन्य सहायता सेवा में इलेक्ट्रीशियन, रसोइया, प्लंबर और ड्राइवर के तौर पर काम करने की उम्मीद में रूस गए थे।इस सप्ताह की शुरुआत में जायसवाल ने कहा था कि इस मामले को मॉस्को के अधिकारियों के साथ-साथ नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास के समक्ष भी जोरदार तरीके से उठाया गया है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि हमने शेष भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई की अपनी मांग भी दोहराई है।
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