India News (इंडिया न्यूज), Indus Water Treaty: जब से भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित है तब से ही पाकिस्तान के लोगों में दहशत का माहौल है। पाकिस्तान अपनी 80 प्रतिशत कृषि के लिए सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है। भारत नई सिंधु परियोजना के तहत पाकिस्तान का पानी रोकने जा रहा है, जिससे वहां के लोग डरे हुए हैं।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद जब से सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया है, तब से चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों पर परियोजनाओं के काम में तेजी आई है। इस क्षेत्र की एक मुख्य परियोजना चिनाब नदी पर रणबीर बांध की लंबाई को दोगुना करके 120 किलोमीटर करना है। इस नदी का पानी भारत से होकर पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र पंजाब में जाता है।

प्रति सेकंड 150 क्यूबिक मीटर पानी मोड़ेगा भारत

रिपोर्ट के अनुसार, जब भारत अपनी परियोजना पूरी कर लेगा, तो वह प्रति सेकंड 150 क्यूबिक मीटर पानी को मोड़ सकेगा, जबकि वर्तमान में वह केवल 40 क्यूबिक मीटर पानी को ही मोड़ सकता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने नेशनल असेंबली में कहा कि उनकी सरकार ने भारत को पत्र लिखकर सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करने को कहा है। उन्होंने अपने सांसदों से कहा कि भारत की यह कार्रवाई अवैध है।

भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान बिजली के लिए तरस जाएगा

वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के जल सुरक्षा विशेषज्ञ डेविड मिशेल ने कहा कि भारत को बांध, नहर या अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण में समय लगेगा। हालांकि, उन्होंने पड़ोसी देश को आगाह किया कि पाकिस्तान को एहसास हो गया है कि भारत की ओर से उसे किस तरह के दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

रणबीर नहर के विस्तार की योजना के साथ ही भारत उन परियोजनाओं पर भी विचार कर रहा है, जिनसे पाकिस्तान को आवंटित नदियों से पानी का प्रवाह कम हो जाएगा। इससे पाकिस्तान को अपने लिए बिजली उत्पादन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

करनाल एनडीआरआई परिसर में फंदे से ‘झूली छात्रा’ गर्ल्स होस्टल में रह कर रही थी मास्टर डिग्री, जांच में जुटी पुलिस 

‘भारत ने हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं की सूची बनाई’

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं की सूची बनाई है, जिससे बिजली उत्पादन 3,360 मेगावाट से बढ़कर 12,000 मेगावाट हो जाएगा। इन परियोजनाओं में ऐसे बांध भी शामिल हैं जो बड़ी मात्रा में पानी संग्रहित कर सकते हैं, जो सिंधु नदी प्रणाली में भारत के लिए पहली बार होगा।

पीएम मोदी ने साफ कहा है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार (13 मई, 2025) को कहा कि भारत सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित रखेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं कर देता।

Video: मरी हुई मां की चिता पर लेट गया लालची बेटा, सिर्फ एक गहने के लिए जमकर की नौटंकी, आखिर में जो हुआ…