India News (इंडिया न्यूज),iran us nuclear deal:अमेरिका ने रविवार को ईरान को परमाणु समझौते को लेकर धमकी दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा था कि अगर तेहरान परमाणु समझौते को मानने से इनकार करता है तो उसके लिए ईरान पर बमबारी करना ही एकमात्र विकल्प है, इसलिए ईरान या तो परमाणु समझौता करे या फिर बमबारी का सामना करे। ट्रंप की इस धमकी के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की है।
जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है ईरान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। उसने जवाबी कार्रवाई के लिए मिसाइलें तैयार कर ली हैं। ईरान ने साफ कह दिया है कि वह इस मुद्दे पर अमेरिका से सीधी बातचीत नहीं करेगा। उसने ट्रंप के पत्र को खारिज कर दिया।ट्रंप के पत्र के जवाब में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि हम बातचीत से परहेज नहीं करते। लेकिन वादाखिलाफी ने ही अब तक हमारे लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। उन्हें साबित करना होगा कि वे भरोसा कायम कर सकते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कही ये बात
पेजेशकियन के बयान पर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की इजाजत नहीं दे सकता। राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर ईरान से चर्चा करना चाहते थे लेकिन तेहरान ने इसे खारिज कर दिया। वे बातचीत नहीं करना चाहते। अगर ईरानी सरकार डील नहीं चाहती तो वह दूसरे विकल्पों पर विचार करेगी जो ईरान के लिए बहुत बुरा होगा।
ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियन का कहना है कि वह अमेरिका से सीधे नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। ईरान ने अमेरिका को यह जवाब ओमान के जरिए दिया। ईरान ने यह भी कहा कि इस तरह की बातचीत बहुत कारगर साबित नहीं हुई है क्योंकि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका को उस परमाणु समझौते से अलग कर लिया था जो ईरान ने 2018 में विश्व शक्तियों के साथ किया था।
अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है ईरान
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव लंबे समय से चल रहा है, लेकिन मौजूदा हालात में यह टकराव और बढ़ गया है। ईरान लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है जो अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए खतरा बनता जा रहा है। ईरान पर इजरायल के खिलाफ हिजबुल्लाह और दूसरे आतंकी संगठनों को समर्थन देने का आरोप है। अमेरिका ने ईरान पर अंतरराष्ट्रीय तेल व्यापार को बाधित करने का आरोप लगाया है। यही वजह है कि अमेरिका उसके परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाना चाहता है।