इंडिया न्यूज़: (Iran Human Rights Report 2023)ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) ने अपने रिपोर्ट में मध्यपूर्व के देश ईरान को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ईरान ह्यूमन राइट्स कि माने तो पिछले 10 दिनों में इरान ने हर 6 घंटों में एक व्यक्ति को फांसी पर लटकाया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 10 दिनों में ईरान में 42 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। मौत की सजा पाने वाले लोगों में ज्यादातर अल्पसंख्यक बलूच समुदाय के लोग हैं। बता दे दो दिन पहले ही ईरान और स्वीडन की दोहरी नागरिकता वाले व्यक्ति हबीब फराजोल्हा छाब को फांसी पर लटकाया गया था। बीब फराजोल्हा पर आतंकवाद के आरोप लगाए गए थे।

  • इस साल अब तक 194 लोगों को दी गई फांसी की सजा
  • ड्रग्स के मामलों से जुड़े आरोप हैं ज्यादातर मामलें
  • सजा पाने वालों में ईरान के पूर्व उप रक्षा मंत्री अलिर्जा अकबरी भी शामिल

ज्यादातर मौत की सजा पाने वाले लोगों पर ड्रग्स के मामलों से जुड़े आरोप 
ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान ने साल 2023 की शुरुआत से लेकर अब तक 194 लोगों को फांसी दी है। जबकि इनमें से केवल 2 फांसी की सजा को ही सार्वजनिक किया है। ज्यादातर मामलों में मौत की सजा पाने वाले लोगों पर ड्रग्स के मामलों से जुड़े आरोप थे।

2022 में 582 लोगों को दी थी फांसी की सजा

साल 2022 में जब इरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों चल रहे थे उस दौरान भी ईरान ने 582 लोगों को फांसी की सजा दी थी। फांसी की सजा मिलने वालो में ईरान में देश के पूर्व उप रक्षा मंत्री अलिर्जा अकबरी भी शामिल थे। बता दे अलिर्जा अकबरी को खुफिया जानकारी देने के आरोप में यह सजा मिली थी।

हिजाब विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने की वजह से 4 लोगों को दी गई फांसी 
ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट के अनुसार ईरान लोगों को प्रदर्शनों में हिस्सा लेने से रोकने के लिए उनमें मौत की सजा का डर पैदा कर रहा है। 4 लोगों को केवल हिजाब विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने के आधार पर फांसी दे दी गई थी।

ड्रग्स की आड़ में प्रदर्शनकारियों को सजा 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले एक साल में ड्रग्स से जुड़े अपराधों में भी काफी लोगों को मौत की सजा दी गई है। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को डर है कि कहीं ईरान ड्रग्स की आड़ में प्रदर्शनकारियों को तो सजा नहीं दे रहा है। इसकी वजह ये है कि 2022 में फांसी पर चढ़ाए गए 582 लोगों में 44% लोग ड्रग्स यानी नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़े अपराधों के दोषी थे।