IndiaNews (इंडिया न्यूज), Iran-Israel war: ईरान ने इजरायल पर रविवार को सैकड़ों मिसाइलें दागी। हालांकि, इजरायल ने ईरान के 99 प्रतिशत मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया। यह हमला सीरिया की राजधानी दमिश्क में 1 अप्रैल को ईरान के दूतावास पर इजरायल द्वारा किए हमले का जवाब था। इस हमले के बाद से मिडिल ईस्ट सहित पूरे विश्व की टेंशन बढ़ा दी है। ईरान और इजरायल के इस तनाव पर पाकिस्तान में भी खूब चर्चा हो रही है। पाकिस्तान के एक यूट्यूबर सना अमजद ने कई लोगों से इस पर उनकी राय पूछी।
सना अमजद से बात करते हुए नासिर नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि ईरान को यह हमला बहुत पहले ही कर देना चाहिए था। उन्होंने अब हमला किया है तो अच्छा किया क्योंकि इजरायल बिल्कुल बेलगाम हो रहा है। इजरायल से अमेरिका सबकुछ करा रहा है तो ईरान के साथ भी रूस आएगा। ऐसे में अब ये तीसरा विश्व युद्ध होता लग रहा है। नासिर ने ये भी दावा किया कि इस हालात के पीछे अमेरिका का हाथ है। अमेरिका ने ही ईरानी दूतावास पर सीरिया में हमला कराया और उसका रिजल्ट ये हुआ कि हालात आलमी जंग के बन रहे हैं। इकबाल ने कहा कि इंडिया और पाकिस्तान इस जंग कोई दखल नहीं देंगे।
यहूदी कौम किसी को बर्दाश्त नहीं करती
इकबाल नाम के बुजुर्ग ने कहा कि मैं बहुत पढ़ा लिखा नहीं हूं लेकिन मैं ये महसूस करता हूं कि यहूदी कौम किसी और को बर्दाश्त ही नहीं करती है। इनको फिलीस्तीन पर भी कब्जा चाहिए और ईरान पर भी। इकबाल ने कहा कि यहूदी आज से नहीं हमेशा से इसी तरह रहे हैं। यही वजह थी हिटलर से इनकी खटास बढ़ी और इनको मारा गया। मसला यह है कि इजरायल को सब पर कब्जे की सोच को छोड़ना होगा।
हिंदुस्तान तनाव को कम करा सकता है
सना से बात करते हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिलाल ने कहा वह तो जंग के खिलाफ हैं। गाजा में देखिए किस तरह बच्चे मर रहे हैं, औरतें मर रही हैं। ये जंग तो फैलती नजर आ रही है लेकिन हमें हर सूरत में अमन की कोशिश करनी चाहिए। ईरान द्वारा इजरायली जहाज को कब्जे में लेने और उसमें भारतीयों के भी होने पर बिलाल ने कहा कि यह अच्छी बात है। बिलाल ने कहा, ईरान इस जहाज का इस्तेमाल तनाव को खत्म करने में कर सकता है। वह जहाज को छोड़ने के बदले तनाव को खत्म करने की बात कर सकता है। चीन और हिंदुस्तान के रिश्ते ईरान और इजरायल से भी ठीक हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि हिंदुस्तान इस तनाव को कम करने में भूमिका निभा सकता है।
जहीर ने सना से बात करते हुए इस पूरे मामले पर कहा कि इजरायल को गाजा से बाहर आने के लिए एक सेफ रास्ता चाहिए था वह ईरान से तनाव के वजह से मिला है। ईरान ने करीब 200 ड्रोन और मिसाइल दागी लेकिन कोई जख्मी तक नहीं हुआ। मुझे तो लगता है कि ये दोनों देशों ने अपनी अवाम को एक पैगाम दिया है कि हमने अपना काम कर दिया है।