India News (इंडिया न्यूज),Pakistan Afghanistan Tension: मंगलवार देर रात पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान पर किए गए हमले में 46 लोगों के मारे जाने के बाद तालिबान ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। अब 15 हजार तालिबान लड़ाकों के पाकिस्तान सीमा की ओर बढ़ने की खबरें आ रही हैं। ये लड़ाके काबुल, कंधार और हेरात से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से सटे मीर अली सीमा की ओर बढ़ रहे हैं।पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हवाई हमले किए। तालिबान के प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट करने और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को निशाना बनाने के उद्देश्य से किए गए हवाई हमलों में 46 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि हमलों में जेट और ड्रोन का उपयोग करके अफगानिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
क्या है विवाद?
यह विवाद तब और गहरा गया जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल ही में वजीरिस्तान के माकिन इलाके में पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों को मार डाला। जवाब में पाकिस्तान ने हवाई हमला करके यह संदेश देने की कोशिश की कि वह अपने सैनिकों की हत्या बर्दाश्त नहीं करेगा।
कितना खतरनाक है पाकिस्तान ?
अफगान तालिबान के पास भारी मात्रा में हथियार हैं और दुर्गम इलाकों में छिपने की क्षमता भी है। उनके पास एके-47, मोर्टार, रॉकेट लॉन्चर जैसे आधुनिक हथियारों का बड़ा भंडार है। इसके अलावा तालिबान के लड़ाके उन पहाड़ों और गुफाओं से हमला करते हैं, जिनके बारे में पाकिस्तानी सेना को पता भी नहीं है।
बढ़ गई शहबाज शरीफ की मुश्किलें
शहबाज शरीफ सरकार पहले से ही आर्थिक संकट, सीपीईसी परियोजना में देरी और बलूचिस्तान में अलगाववाद जैसी समस्याओं से जूझ रही है। इन मुद्दों ने सरकार और सेना दोनों को कमजोर किया है। अब तालिबान के साथ टकराव ने इस संकट को और बढ़ा दिया है।
क्या कर सकता है तालिबान ?
अफगान तालिबान लंबे समय से यह दिखा रहा है कि वह किसी बड़ी सैन्य शक्ति के आगे झुकने वाला नहीं है। उसने अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों को सालों तक चुनौती दी और आखिरकार उन्हें अफगानिस्तान से हटने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तान के पास तालिबान का सामना करने के लिए न तो सैन्य ताकत है और न ही आर्थिक क्षमता। मीर अली सीमा पर बढ़ती गतिविधियों के चलते पाकिस्तान ने भी अपनी सेना को अलर्ट पर रखा है। सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोगों में डर का माहौल है और हालात किसी बड़े संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं। तनाव बढ़ने के साथ ही देखना होगा कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच यह संघर्ष किस दिशा में आगे बढ़ता है।