India News (इंडिया न्यूज़), Israel-Hamas War: पिछले 7 अक्टूबर से इज़राइल और हमास के आतंकी संगठनों के बीच जंग जारी है। इसी बीच इज़राइल की सेना उत्तरी गाजा में 1.1 मिलियन लोगों को तुरंत अपने घर खाली करने के लिए कह रही है, ऐसा माना जा रहा है कि वह हमास के आतंकवादी हमलों के लिए जवाबी कार्रवाई तेज करने की तैयारी कर रही है। वहीं, इजरायली युद्धक विमानों ने शुक्रवार से ही तंग तटीय इलाके पर बमबारी जारी रखी है जिस पर हमास का नियंत्रण है।

दर-बदर भटक रहे गाजा निवासी

आपको बता दें, गाजा में जिनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था, वे बड़े पैमाने पर कारों, टैक्सियों और पिकअप ट्रकों में सामान भर लिया। और दक्षिण की ओर चल पड़ें। वहीं, शुक्रवार को सोशल मीडिया पर तस्वीरों में दिखाया गया कि इजराइल रक्षा बल विमानों से पर्चे गिरा रहे हैं, जिसमें गाजावासियों को दक्षिण की ओर जाने या आगे खतरे के बारे में बताया गया है। तस्वीरों में देख सकते हैं इजराइली हवाई हमले के बाद मैसारा बरौद की इमारत मलबे में बदल गई।

गाजा में रहने वाले फलस्तीनियों हटाया गया

वहीं, शनिवार को हमास की ओर से किए गए हमलों के बाद से ही इजरायल लगातार गाजा के इलाके में एयर स्ट्राइक कर रहा है। इसके साथ ही इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र संघ से कहा है कि वो 24 घंटे में गाजा में रहने वाले फलस्तीनियों को वहां से हटा लें। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा है कि इस इलाके में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। ये गाजा की आधी आबादी है। संयुक्त राष्ट्र ने अपील की है, इजराइल इस ऑर्डर को वापस ले।

गाजा इलाके में 3 लाख रिजर्व फोर्स की तैनाती

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि जिन 11 लाख लोगों को इजरायल इलाके छोड़ने की बात कह रहा है, वह लोग गाजा की पूरी आबादी के 50 फीसद हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा, “इस तरह के मूवमेंट नामुमकिन है, अगर ऐसा किया गया तो मानवीयता को ताक पर रखना होगा, इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।” गौरतलब है कि इजरायल ने गाजा इलाके में लगभग 3 लाख रिजर्व फोर्स की तैनाती की है। मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक इजरायल एयर स्ट्राइक के अलावा ग्राउंड ऑपरेशन की तैयारी में है। बीबीसी के मुताबिक इजरायल ने गाजा बॉर्डर पर टैंक और आर्टिलरी तैनात की हुई है।

गौरबतल है कि इज़राइल ने गाजा में प्रवेश करने से बिजली, भोजन, पानी और ईंधन की आवश्यक आपूर्ति भी रोक दी है, जिससे संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि निवासियों को भुखमरी का खतरा है, और बुनियादी आपूर्ति के लिए मानवीय गलियारा खोलने का आह्वान किया जाय।

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