India News (इंडिया न्यूज), Israel-Hamas War: इजरायल हमास के बीच जारी जंग में अब हमास सौदेबाजी पर उतर आया है। हमास ने इजरायल के सामने दोहरी नागरिकता वाले 50 बंधकों को रिहा करने की बात कही है, लेकिन इसके बदले हमास ने इजरायल के सामने फ्यूल सप्लाई की करने की मांग की है। हालांकि इजरायल ने हमास की इस मांग को खारीज कर दिया है। इजरायल ने कहा कि वो ईंधन सप्लाई की अनुमति तभी देगा, जब हमास 220 बंधकों को रिहा करेगा।

बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। इन हमलों में इजरायल के 1400 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा हमास ने 200 से ज्यादा इजरायल और विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया था। दावा है कि हमास इन नागरिकों को गाजा पट्टी में रखा हैं। हालांकि, कुछ बंधकों को रिहा कर दिया गया है।

बातचीत अभी भी जारी

द टाइम्स ऑफ इजराय ने वरिष्ठ राजनयिक अधिकारी के हवाले से जानकारी दी कि इजरायल और हमास के बीच 50 बंधकों को रिहा करने के लिए कतर और इजिप्ट के माध्यम से बातचीत चल रही है। एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो हमास ने गाजा में ईंधन की अनुमति देने के बदले दोहरी नागरिकता वाले 50 नागरिकों की रिहाई की मांग रखी है।

कहा ये भी जा रहा है कि सभी 220 बंधक आंतकी संगठन हमास के कब्जे में नहीं हैं, क्योंकि इससे पहले फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद की तरफ से दावा किया गया था कि उसके पास 30 बंधक हैं। बता दें कि इस्लामिक जिहाद के लड़ाके इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए हमले में शामिल थे।

ग्राउंड ऑपरेशन के लिए तैयार इजरायल

वहीं इजरायल ने उत्तरी गाजा पर हमले के लिए पूरी तरह तैयारी है। इसके अलावा इजरायल लगातार गाजा पर बम बरसा रहा है। इजरायल डिफेंस फोर्सेस के अनुसार, एयरफोर्स ने गाजा पट्टी में हमास के 400 ठिकानों को निशाना बनाया। दावा है कि हमले में कई हमास कमांडर भी मारे गए हैं। हमले में हमास के नुसीरत, शाती और अलफुरकन बटालियन के डिप्टी कमांडर मारे गए हैं।

इजरायल ने साफ किया की हमले नहीं रुकेंगे

वहीं गाजा पर हमले को लेकर इजरायल ने साफ कर दिया है कि फिलहाल गाजा पट्टी में हवाई हमले नहीं रुकेंगे। इजरायली चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हरजी हलेवी ने कहा कि इजरायली सेना जमीनी हमले के लिए भी अच्छी तरह से तैयार है। इजरायली सेना गाजा पट्टी के चारों तरफ डेरा डाले हुए है।

UN के पास नहीं बचा ईंधन

गाजा के रिफ्यूजी को लेकर युनाइटेड नेशन एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के गाजा निदेशक थॉमस व्हाइट ने बताया था कि एजेंसी के पास अपने ट्रकों के लिए केवल तीन दिन का ईंधन बचा है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि अगर ट्रकों को ईंधन नहीं मिलेगा तो सहायता का वितरण रुक जाएगा।

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