India News (इंडिया न्यूज), Swedish PM Urges EU to declare IRGC a Terrorist Organization: इजराइल और ईरान के बीच चल रहे तनाव में पश्चिमी देश अलग-अलग तरीकों से इजराइल को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका जहां ईरान पर प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा रहा है, वहीं स्वीडन के प्रधानमंत्री ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है।
आईआरजीसी को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग
स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने रविवार को मांग की कि ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए। क्रिस्टर्सन ने कहा, हम चाहते हैं कि स्वीडन आईआरजीसी से जुड़ी गंभीर चिंताओं के बारे में अन्य यूरोपीय संघ के देशों से बात करे। इसमें मध्य पूर्व में उनकी विनाशकारी भूमिका और विभिन्न यूरोपीय देशों में उनकी बढ़ती कार्रवाइयां शामिल हैं।
ईयू से इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग
एक्सप्रेसन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडिश पीएम ने कहा कि आईआरजीसी को रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि ईयू (यूरोपीय संघ) आईआरजीसी को आतंकवादी संगठन घोषित करे, ताकि हम पहले से लगाए गए प्रतिबंधों की तुलना में अधिक व्यापक तरीके से इसके खिलाफ काम कर सकें।
स्वीडिश-ईरानी हबीब चाब (असुद) को फांसी दिए जाने के बाद मई 2023 में स्वीडिश संसद ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को आतंकवादी संगठन घोषित करने के पक्ष में मतदान किया था। अब स्वीडिश प्रधानमंत्री ने यूरोपीय संघ के समक्ष यह मांग दोहराई है।
पहले भी उठ चुकी है मांग
जनवरी 2024 में ईरान में विरोध प्रदर्शनों के दमन और यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने के आरोपों के बाद यूरोपीय संसद ने यूरोपीय संघ से IRGC को आतंकवादी संगठनों की सूची में डालने की सिफारिश की थी। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने 23 जनवरी को ब्रुसेल्स में कहा, कानूनी कारण हैं कि यूरोपीय संघ संगठन को आतंकवाद की सूची में क्यों नहीं डाल सकता। यह ऐसा कुछ है जिसका फैसला अदालत के बिना नहीं हो सकता, IRGC को इस सूची में लाने के लिए पहले अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा।
IRGC इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स
ईरान ने 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स का गठन किया था। इसे ईरानी सेना से भी ज्यादा ताकतवर माना जाता है। आईआरजीसी का गठन इस्लामी क्रांति की रक्षा करने और दुनिया भर में इसकी विचारधारा फैलाने के उद्देश्य से किया गया था। इसका नेतृत्व ईरान के सर्वोच्च नेता के हाथों में है। पश्चिमी देशों का आरोप है कि आईआरजीसी ईरान समर्थित मिलिशिया को प्रशिक्षित और वित्तपोषित करता है और दुनिया भर में अपने मिशन भी चलाता है।