India News(इंडिया न्यूज),Israel-Iran War: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे विवाद में पाकिस्तान बुरा फंस गया है जहां तीन दिनों की आधिकारिक यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के बयान के चक्कर में अमेरिका ने पाकिस्तान को खुली धमकी दे दी है। जानकारी के लिए बता दें कि, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पाकिस्तानी दैरे के दौरान कहा कि, कोई भी ताकत पाकिस्तान और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नहीं खत्म कर सकता। जिसके बाद जब अमेरिका ने प्रतिबंधों की धमकी दी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि, ईरान के साथ जो भी व्यापारिक समझौता करेगा, उसे संभावित प्रतिबंधों के जोखिम के बारे में जरूर सोचना चाहिए।
रायसी का बयान
ईरानी राष्ट्रपति रायसी ने पाकिस्तान दौरे के बीच इजरायल को धमकी देते हुए कहा कि, 13 अप्रैल को इजराइल पर तेहरान के जवाबी हमले, 1 अप्रैल को ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले का जवाब देते हुए, देश ने शासन को कैसे दंडित किया। उन्होंने कहा, “महान ईरानी राष्ट्र ने दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले के लिए ज़ायोनी शासन को दंडित किया, जो सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ था। मिली जानकारी के अनुसार, 13 अप्रैल को, ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क में अपने दूतावास परिसर पर इज़राइल के कथित घातक हमले के प्रतिशोध का हवाला देते हुए, इज़राइल को निशाना बनाते हुए मिसाइलों और ड्रोनों की एक श्रृंखला शुरू की। हालांकि, इनमें से अधिकांश हथियारों को रोक दिया गया और निष्क्रिय कर दिया गया।
ये भी पढ़े:- EVM VVPAT Case: वीवीपैट पर आज आएगा फैसला! सुप्रीम कोर्ट में 100% वेरिफिकेशन की मांग को लेकर याचिका दायर- indianews
इजरायल का बदला
शुक्रवार को ईरानी शहर इस्फ़हान में इज़राइल द्वारा किए गए विस्फोटों को सुना गया था, लेकिन ईरान ने हमले को कम महत्व देते हुए कहा कि वह जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। रायसी ने कहा, “ईरान और पाकिस्तान दोनों के लोग उत्पीड़ित फिलिस्तीनी राष्ट्र की रक्षा करते हैं। इस्लामिक ईरान गर्व के साथ फिलिस्तीन के प्रतिरोध और उत्पीड़ित राष्ट्र की रक्षा करना जारी रखेगा। ईरानी राष्ट्रपति ने मानवाधिकारों की रक्षा का दावा करने के लिए पश्चिम पर भी हमला किया, जबकि इज़राइल ने गाजा पर हमला जारी रखा, जहां अब तक 34,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। ईरानी समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अमेरिका पर फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए देश भर के दर्जनों कॉलेज छात्रों को गिरफ्तार करने का भी आरोप लगाया।