India News (इंडिया न्यूज), Japan Earthquake: 13 जनवरी, 2025 को जापान के क्यूशू में धरती कांप उठी। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.9 मापी गई। एसोसिएटेड प्रेस ने देश की मौसम विज्ञान एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कई इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की, लेकिन किसी तरह के नुकसान या हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि, भूकंप के बाद मियाज़ाकी में 20 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी देखी गई।
यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) के अनुसार, भूकंप की गहराई 37 किलोमीटर थी। जापान की भूकंप निगरानी एजेंसी एनईआरवी ने कहा कि भूकंप ह्युगा-नाडा सागर में आया। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 9:29 बजे मियाज़ाकी प्रान्त में आया। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में इसकी तीव्रता जापानी पैमाने 0 से 7 के अनुसार 5 से कम थी। मियाज़ाकी और कोच्चि प्रान्तों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
जापान है भूकंप का सबसे बड़ा केंद्र
जापान कई टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन बिंदु पर स्थित है और इस वजह से इस देश में भूकंप आते रहते हैं। यह देश प्रशांत महासागर के अग्नि वलय पर स्थित है, जो एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ अक्सर भूकंपीय गतिविधियाँ होती रहती हैं।
दुनिया में लगातार आ रहे भूकंप
इससे पहले पिछले साल 8 अगस्त को जापान में 6.9 और 7.1 तीव्रता के दो शक्तिशाली भूकंप आए थे, जिसने क्यूशू और शिकोकू के दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों को हिलाकर रख दिया था। हाल ही में तिब्बत के अंदर छह भूकंप आए। इनमें से 7 जनवरी को 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस भीषण तबाही में 126 लोगों की मौत हो गई और कई घर तबाह हो गए। 300 से ज़्यादा लोग घायल हुए।
इस भूकंप का असर भारत में भी देखने को मिला। तिब्ब
त के टिंगरी काउंटी में केंद्रित इस भूकंप ने बड़े पैमाने पर दहशत का माहौल पैदा कर दिया। पूरे इलाके में इमारतें हिलने लगीं और इसके झटके भारत, नेपाल और भूटान तक महसूस किए गए।