India News(इंडिया न्यूज), Japan Population Decline : दुनिया में अपने इनोवेशन के लिए जाने जाने वाले जापान के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अगर जल्द ही जरूरी कदम न उठाए गए तो आने वाले समय में जापान का अस्तित्व खत्म होने का डर है। इसको लेकर सामने आई एक रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है। अगर सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो आज से 695 साल बाद जनवरी 2720 में जापान में सिर्फ एक ही बच्चा पैदा होगा।
बता दें कि जापान में बौद्ध धर्म को ज्यादातर लोग मानते हैं। बहुसंख्यक आबादी बुद्धिस्ट है. बौध धर्म का नाता हिंदुओं के घर हिंदुस्तान से है. यहीं पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। जापान में आपको इस्लाम मानने वाला एक भी शख्स नहीं मिलेगा, क्योंकि वहां पर इस्लाम को लोग नहीं मानते हैं।
हाल में जापान की तरफ से जनसंख्या डेटा जारी किया गया है। इस डेटा में खुलासा हुआ है कि 2024 में जापान में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या लगातार नौवें साल घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। डरने वाली बात ये है कि जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जापान इसी रास्ते पर चलता रहा तो इस देश के खत्म होने का खतरा है।
क्या कहते हैं जापान के जनसंख्या आंकड़े
जापानी स्वास्थ्य मंत्रालय के आकड़ों की माने तो 2024 में देश में विदेशी नागरिकों सहित सिर्फ 7,20,988 बच्चे पैदा हुए हैं। यह 2023 में हुए 7,58,631 जन्म के मुकाबले पांच फीसदी कम है। वहीं अगर इसकी तुलना भारत से करें तो कंट्रीमीटर के मुताबिक, 2024 में भारत में 2,94,66,366 जन्म हुए। जापान में होने वाली मौतों की संख्या को भी जोड़ लीजिए तो ये एक बड़ी मुसीबत बन गई है। 2024 में देश में 16,18,684 मौतें दर्ज की गईं, जो पिछले साल के मुकाबले 1.8 प्रतिशत अधिक है।
इसका मतलब है कि जापान में बच्चे पैदा कम हो रहे हैं और लोग मर ज्यादा रहे हैं। इन आकड़ो पर नजर डालें तो जापान में लगभग 9,00,000 लोगों की आबादी कम हुई है, जो एक और रिकॉर्ड आंकड़ा है। इसका मतलब है कि हर नए जन्म लेने वाले बच्चे के अनुपात में दो लोगों की मौत हुई है।
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‘जापानी प्रजाति का नामोनिशान मिट जाएगा’
जापान में कम होती जनसंख्या पर तोहोकू यूनिवर्सिटी के रिसर्च सेंटर फॉर एज्ड इकोनॉमी एंड सोसाइटी के प्रोफेसर हिरोशी योशिदा ने कहा है कि अगर जापान इसी तरह जन्मदर में गिरावट देखता रहा तो साल 2720 तक देश में 14 साल से कम उम्र का केवल एक बच्चा रह जाएगा। यहीं नहीं उनका कहना है कि 695 साल में जापानी प्रजाति का नामोनिशान मिट जाएगा। यानी 695 साल में जापान का अस्तित्व ही मिट जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि कम जन्मदर के कारण जापान विलुप्त होने वाला दुनिया का पहला देश बन सकता है।
क्यों घट रही है जापान में आबादी
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जापानी बाजार में अच्छी नौकरियों की कमी है. इसकी वजह से ऐसे पुरुषों का एक वर्ग तैयार हो रहा है, जो शादी नहीं करते और बच्चे पैदा नहीं करते। ऐसा इसलिए क्योंकि वे और उनकी संभावित पार्टनर जानते हैं कि वे परिवार का खर्च नहीं उठा सकते। जापान में बहुत ज्यादा काम करने का कल्चर भी है। यहां तक कि अधिक काम करने से मौत के लिए एक जापानी शब्द करोशी भी है। जाहिर है इसका असर ये होता है कि कपल्स कम बच्चे पैदा करते हैं।