इंडिय न्यूज, टोक्यो: चीन की विस्तारवादी सोच ने सभी पड़ौसी देशों के लिए परेशानी बढ़ा दी है। पिछले दिनों जहां ताइवान के साथ के साथ चीन की युद्ध की स्थिति बनी रही वहीं अब पूर्वी चीन सागर में चीन की हरकतों को देखते हुए जापान परेशानी में है। इससे निपटने के लिए जापान ने अपनी सीमा पर एक हजार क्रूज मिसाइल लगाने का निर्णय लिया है। यह मिसाइल 100 किलोमीटर रेंज की होंगी।
नैसेंई द्वीप इसलिए है महत्वपूर्ण
नैसेंई द्वीप चीन और उत्तर कोरिया के बहुत नजदीक है। जापान इन दोनों देशों को ही अपने लिए खतरा मानता है। इसी के चलते इस द्वीप पर जापान किसी भी समय मिसाइल तैनात कर सकता है। जापान ऐसी मिसाइल तैनात करने की योजना बना रहा है जिसे जमीन और हवा कहीं से भी लॉन्च किया जा सके।
चीन के सैन्य अभ्यास के बाद लिया निर्णय
बताया जा रहा है कि जापान ने यह निर्णय पिछले दिनों ताइवान की सीमा के नजदीक चीन द्वारा किए गए सैन्य अभ्यास के बाद लिया है। उस सैन्य अभ्यास के दौरान चीन द्वारा छोड़ी गई कुछ मिसाइलें जापान के जल क्षेत्र में गिरी थीं। जिसके बाद जापान ने किसी भी संभावी खतरे से निपटने के लिए अब मिसाइल तैनात करने का निर्णय लिया है।
रूस और यूक्रेन के बीच भी युद्ध जारी
वहीं दूसरी और रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज (24 अगस्त) को छह माह हो गए हैं। इस युद्ध में जहां यूक्रेन ने व्यापक विनाश देखा है वहीं रूस की सेना को भी बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। इसी बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के मंच से दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध पर अपना पक्ष रखा है।
यूएनएससी में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि हम यक्रेन के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा और सुरक्षा के संबंध में किए जा रहे कार्यों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। क्योंकि परमाणु संयंत्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना के सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
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