India News (इंडिया न्यूज), Keir Starmer: कीर स्टार्मर के नेतृत्व में ब्रिटेन की लेबर पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत ने भारत के साथ देश के संबंधों में एक नए अध्याय का खोलने जा रहा है। बता दें कि अब तक कश्मीर मुद्दे की वजह से दोनों देशों में गहमागहमी रही है। अतीत में, लेबर पार्टी ने अन्य ब्रिटिश राजनीतिक दलों की तुलना में भारत के साथ कथित मानवाधिकार उल्लंघन और कश्मीर मुद्दे जैसे मामलों को अधिक सख्ती से उठाया है। अब लगता है दोनों देशों के बीच की दूरियां जो हैं वो औऱ बढ़ सकती हैं। क्योंकि कीर स्टार्मर ने अपनी नई कैबिनेट में भारत के सबसे बड़े आलोचक को शामिल किया है।
- केवल एक भारतीय को जगह
- भारत और ब्रिटेन के रिश्ते
- पीओके की रहने वाली हैं सांसद
केवल एक भारतीय को जगह
मैनचेस्टर में जन्मी अर्ध-भारतीय लिसा नंदी (44), जो स्टार्मर की पूर्व नेतृत्व प्रतिद्वंद्वी थीं, अब संस्कृति, मीडिया और खेल राज्य सचिव हैं। वह पहले छाया विदेश सचिव सहित कई छाया कैबिनेट भूमिकाएं निभा चुकी हैं। सितंबर 2023 में स्टार्मर ने उन्हें पदावनत कर अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए छाया कैबिनेट मंत्री बना दिया था।
उनके पिता दीपक नंदी हैं, जो कोलकाता में जन्मे शिक्षाविद हैं, जो ब्रिटेन में रहते हैं और उन्होंने लेबर के 1976 के नस्ल संबंध विधेयक का मसौदा तैयार करने में मदद की थी। उनकी मां ऐन लुइस बायर्स हैं, जो दिवंगत सहकर्मी लॉर्ड बायर्स की बेटी हैं। जून 2019 में जब जेरेमी कॉर्बिन लेबर नेता थे, तब उन्होंने कई अन्य छाया कैबिनेट सदस्यों के साथ फ्रंटबेंचर के रूप में पद छोड़ दिया, और उन्हें नेता के रूप में पद छोड़ने के लिए कहा। वहीं एक समय पर छाया अंतरराष्ट्रीय विकास सचिव रहीं प्रीत कौर गिल नई कैबिनेट में नहीं हैं।
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शबाना महमूद बन सकती हैं टेंशन की वजह
लेबर पार्टी में अब 19 पीआईओ सांसद होने के बावजूद केवल एक भारतीय मूल की सांसद, लिसा नंदी, नए ब्रिटिश प्रधान मंत्री के मंत्रिमंडल में जगह बना पाई हैं। यह जुलाई 2019 में बोरिस जॉनसन द्वारा गठित कैबिनेट के बिल्कुल विपरीत है जो ब्रिटिश इतिहास में सबसे विविधतापूर्ण थी। इस बीच ब्रिटिश पाकिस्तानी सांसद शबाना महमूद, जो कश्मीर पर भारत सरकार की कड़ी आलोचना करती रही हैं। उनको न्याय सचिव नियुक्त किया गया है।
महमूद, जो विपक्ष में छाया न्याय सचिव थी, ने 15 अगस्त, 2019 को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर स्वतंत्रता दिवस के विरोध प्रदर्शन में भाषण दिया। जो हिंसक हो गया और मिशन की इमारत को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने 2019 में जॉनसन को एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। जिसमें उनसे “भारतीय सरकार के कार्यों की कड़ी निंदा करने” और कथित तौर पर “कश्मीर पर कब्जा करने के लिए अनुच्छेद 370 को अवैध और असंवैधानिक रद्द करने” का आह्वान किया गया था।
पीओके की रहने वाली हैं शबाना महमूद
महमूद का जन्म बर्मिंघम में हुआ था और उनके माता-पिता का जन्म पीओके के मीरपुर के बाब-ए-यम गांव में हुआ था। वह कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करती हैं और हाउस ऑफ कॉमन्स में कई बार कश्मीर में भारत की कार्रवाई की निंदा कर चुकी हैं। उन्होंने क्षेत्र में स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को भेजने का आह्वान किया है।