India News (इंडिया न्यूज), Kerch Strait Dispute: रूस और यूक्रेन के बीच ढाई साल से चल रहे युद्ध में अब तक जान-माल का काफी नुकसान हुआ है।भारत समेत कई देश चाहते हैं कि यह युद्ध रुक जाए और दोनों देश आमने-सामने बैठकर इसका हल निकालें। वहीं, अब युद्ध के मैदान से दूर रूस और यूक्रेन एक पुल को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में आमने-सामने हैं। सोमवार को इसी केर्च जलडमरूमध्य विवाद को लेकर सुनवाई हुई। दरअसल, यूक्रेन से क्रीमिया को छीनने के बाद रूस ने केर्च जलडमरूमध्य में 19 किलोमीटर लंबा पुल बनाना शुरू किया। इसके बाद केर्च जलडमरूमध्य विवाद शुरू हुआ। यूक्रेन का आरोप है कि रूस केर्च जलडमरूमध्य पर पूरी तरह से कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।

क्यों अहम है रूस के लिए पुल?

बता दें कि, यह पुल रूस को क्रीमिया से जोड़ता है। इतना ही नहीं, इस पुल के जरिए क्रीमिया को ईंधन, खाद्यान्न और अन्य उत्पादों की आपूर्ति की जाती है। इसके साथ ही यूक्रेन में मौजूद रूसी सेना अपने सैनिकों के लिए आपूर्ति भेजने के लिए इस पुल का इस्तेमाल कर रही है। अगर यह पुल बंद हो जाता है तो इससे रूस को बड़ा झटका लगेगा। इसके अलावा यह पुल आज़ोव सागर को काला सागर से भी जोड़ता है। ज़ेलेंस्की इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि रूसी सेना के लिए यह पुल कितना महत्वपूर्ण है।

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किसके पक्ष में आएगा फैसला

बता दें कि, इसी के मद्देनजर कुछ दिन पहले यूक्रेनी सेना ने इस पुल पर हमला किया था। दरअसल, ज़ेलेंस्की रूस द्वारा बनाए गए इस पुल को गिराना चाहते हैं। यूक्रेन ने रूस पर यह भी आरोप लगाया है कि रूस ने इसे जानबूझकर कम ऊंचाई पर बनाया है। ताकि दुनिया भर से आने वाले जहाज इसके नीचे से न गुजर सकें। इस रास्ते से केवल छोटे रूसी जहाज ही गुजर सकते हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। रूस ने यूक्रेन के सभी दावों को खारिज करने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की है। वहीं, केर्च स्ट्रेट विवाद पर यूक्रेन पीछे हटता नहीं दिख रहा है। फिलहाल यह सुनवाई 5 अक्टूबर तक जारी रहेगी।

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