India News (इंडिया न्यूज), Khaleda Zia: बांग्लादेश में कोटा आरक्षण को लेकर हुए छात्र आंदोलन, जो बाद में सरकार विरोधी आंदोलन बन गया। इस वजह से शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद वो देश छोड़कर भारत आई गई थी। वहीं उनके बांग्लादेश छोड़ने के बाद से उनकी सबसे बड़ी विरोधी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया को खूब अहमियत दी जा रही है। इस बीच बांग्लादेश में कर अधिकारियों ने सोमवार (19 अगस्त) को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बैंक खातों पर लगी रोक हटाने का फैसला किया। दरअसल, उनके बैंक खातों को 17 साल पहले ब्लॉक करने का आदेश दिया गया था।
खालिदा जिया के बैंक खाते फिर से बहाल
डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने बैंकों को BNP अध्यक्ष जिया के खातों पर लगी रोक हटाने का निर्देश दिया है। बता दें कि अगस्त 2007 में NBR के सेंट्रल इंटेलिजेंस सेल ने बैंकों को BNP अध्यक्ष के खातों पर लगी रोक हटाने का निर्देश दिया था। खालिदा जिया 1990 से दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। NBR के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह फैसला तत्कालीन सेना समर्थित कार्यवाहक सरकार के दौरान गठित एक पैनल की सिफारिश पर आधारित था। वहीं तब से उनके खाते ब्लॉक हैं। BNP ने कई मौकों पर मांग की है कि उन खातों पर लगी रोक हटाई जाए।
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पिछले दिनों हुई थीं जेल से रिहा
बता दें कि, 79 वर्षीय खलिदा जिया को 5 अगस्त को 76 वर्षीय हसीना के भारत भाग जाने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्होंने मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। एनबीआर ने कहा कि उन्हें रविवार को खालिदा के वकील से एक आवेदन मिला। जिसमें खातों को खोलने की मांग की गई थी। वहीं एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि चूंकि उनके संबंध में कोई कर-संबंधी जांच लंबित नहीं है। इसलिए हमने बैंकों को उनके सभी खातों को अनलॉक करने की सलाह दी है। हमने उनसे तत्काल कार्रवाई करने और अनुपालन रिपोर्ट प्रदान करने को कहा है।
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