India News (इंडिया न्यूज), Khalistanis Attacked Hindu Temple In Brampton : कनाडा की ट्रूडो सरकार लगातार भारत पर झूठे आरोप लगा रही है। उल्टे खालिस्तानी हिंदू मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। ताजा मामला ब्रैम्पटन का है, जहां एक हिंदू मंदिर और वहां मौजूद श्रद्धालुओं पर खालिस्तानियों ने हमला किया है। हमले का वीडियो भी सामने आया है। हैनली के वीडियो को हिंदू फोरम कनाडा ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है, जिसमें खालिस्तानी हाथों में पीले झंडे लेकर मंदिर परिसर में उत्पात मचाते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में कुछ खालिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं पर लाठियों से हमला करते नजर आ रहे हैं। वीडियो के कैप्शन में लिखा है, ‘बेहद परेशान करने वाली तस्वीरें’। एक्स पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन, स्थानीय पुलिस, ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी टैग किया गया है।
भारतीय मूल के सांसद ने की हमले की निंदा
कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों ने हद पार कर दी है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर में हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों द्वारा किया गया हमला दर्शाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक उग्रवाद कितना गहरा और बेशर्म हो गया है। मुझे लगने लगा है कि इन रिपोर्टों में कुछ सच्चाई है कि कनाडा की राजनीतिक व्यवस्था के अलावा खालिस्तानियों ने हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में भी प्रभावी रूप से घुसपैठ कर ली है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खालिस्तानी उग्रवादियों को कनाडा में खुली छूट मिल रही है। जैसा कि मैं लंबे समय से कहता आ रहा हूं, हिंदू-कनाडाई लोगों को आगे आकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा और हमारे समुदाय की सुरक्षा के लिए राजनेताओं को जवाबदेह बनाना होगा।’
पहले भी मंदिरों को बनाया गया है निशाना
यह पहली बार नहीं है कि कनाडा में किसी मंदिर को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले भी खालिस्तानियों द्वारा हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और हमला किया गया है। चाहे वह मंदिरों की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखना हो या पीएम मोदी का पुतला जलाना हो। इसी साल जुलाई में एडमोंटन में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। लक्ष्मी नारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था। गेट और पीछे की दीवार पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर चिपकाए गए थे।
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