(दिल्ली) : भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे। मौजूदा वक्त में दोनों देशों की तुलना की जाए तो भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो वहीं पाकिस्तान अपने इतिहास की सबसे बड़ी आर्थिक महामारी का सामना कर रहा है। पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर आ गया है। बता दें, पाकिस्तान की बदहाली का एक मात्र कारण आतंकवाद ही नहीं दूसरी बड़ी वजह नियम कानून यानी संविधान भी है। मालूम हो, आज जहां भारत अपने गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ मना रहा है तो दूसरी ओर पाकिस्तान बर्बादी के मुहाने पर हैं। भारत ने जहां आजादी के तीन वर्षों के अंदर ही संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू कर दिया था तब पाकिस्तान उस समय अँधेरी नगरी के समान था।

मालूम हो, भारत और पाकिस्तान दोनों के पास एक ही तरह की राजनीतिक विरासत थी। दोनों ने ब्रिटेन की संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया था। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी नेहरू की तरह अपने सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का सपना देखा था लेकिन उनकी मृत्यु के बाद बाद पाकिस्तान धीरे -धीरे अंधेरों में घिरता चला गया। जिन्ना ने पाकिस्तान को सेक्युलर मुल्क बनाने का सपना देखा था जबकि पाकिस्तान बाद में इस्लामिक राष्ट्र बन गया।

26 साल बाद बहाल हुआ संविधान

बता दें, भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। वहीं 1947 में पाकिस्तान बनने के नौ साल बाद वहां पहला संविधान 23 मार्च, 1956 को लागू किया गया था। जहां आजदी के तीन साल बाद भारत ने संविधान को अपनाया था। वहीं 9 साल बाद 23 मार्च 1956 को पाकिस्तान ने पहले संविधान को अपनाया गया था। इसलिए पाकिस्तान के पहले संविधान के पारित होने के उपलक्ष्य में वहां हर साल 23 मार्च को ही पाकिस्तान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मालूम हो इसी दिन ही आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को एक इस्लामी देश भी घोषित किया गया था लेकिन इसके संविधान में लगातार बदलाव होते रहे और लंबे वक्त तक अराजकता के आधीन ही रहा।

वहीं, 1956 के बाद 1962 में, 26 मार्च 1969 में पाकिस्तान के संविधान में बदलाव किए गए। इसके बाद मुल्क में 1970 के संवैधानिक संकट ने इस काम को और प्रभावित किया। पूर्वी पाकिस्तान के विभाजन के बाद 1972 को 1970 के चुनाव के आधार पर विधायिका बनाई गई और 10 अप्रेल 1973 को समिति ने संविधान के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश की।आखिरकार 14 अगस्त 1973 को पाकिस्तान में नया संविधान लागू किया गया। ऐस में भारत के साथ आजाद होने वाले पाकिस्तान को संविधान बहाल करने में 26 साल लगे।