India News ( इंडिया न्यूज),Lashkar-e-Taiba: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुई एक घटना ने लश्कर-ए-तैयबा और आतंकी नेटवर्क में खलबली मचा दी है। लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर रजाउल्लाह निजामनी उर्फ सैफुल्लाह खालिद को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। उसकी हत्या सिंध प्रांत के मतली शहर के फलकारा चौक के पास की गई, जहां हमलावरों ने घर से बाहर निकलते ही उसे निशाना बनाया और मौके पर ही उसकी हत्या कर दी। अबू सैफुल्लाह खालिद मालन इलाके का रहने वाला था, वह लंबे समय से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
कश्मीर जिहाद से लौटने के बाद लश्कर-ए-तैयबा ने उसे गाजी अबू सैफुल्लाह की उपाधि दी थी। संगठन ने उसे बेहद संवेदनशील बताया था और उसकी गतिविधियों को सीमित रखने की हिदायत दी थी। उसे सुरक्षा भी दी गई थी, लेकिन जैसे ही वह मतली शहर में अपने घर से बाहर निकला, हमलावरों ने उसके सिर और सीने में गोलियां दाग दीं। अबू सैफुल्लाह भारत में लश्कर के कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था। माना जाता है कि उसने भारत में कम से कम तीन आतंकी हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
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सैफुल्लाह इन तीनों हमलों का मास्टरमाइंड था
रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमला
रज़ाउल्लाह निज़मानी ने 2001 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले की योजना बनाई थी। इस हमले में आतंकियों ने भारी गोलीबारी की थी, जिसमें सात जवान शहीद हो गए थे। बाद में जांच एजेंसियों ने इस हमले की योजना से जुड़े नाम सामने लाए, जिनमें अबू सैफुल्लाह सबसे ऊपर था।
बेंगलुरु में भी आतंक का कहर मचाया था
अबू सैफुल्लाह ने 2005 में बेंगलुरु में सिलसिलेवार बम धमाकों की भी योजना बनाई थी। इन धमाकों से बेंगलुरु शहर दहल गया था। आईटी कंपनियों और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर हमला किया गया था।
नागपुर में आरएसएस मुख्यालय को बनाया गया था निशाना
2006 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय पर बड़ा हमला करने की कोशिश की गई थी। हालांकि सुरक्षा बलों ने समय रहते हमलावरों को मार गिराया था, लेकिन जांच में पता चला कि इस हमले का मास्टरमाइंड भी अबू सैफुल्लाह ही था।