इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : विज्ञान बहुत तेज़ी से तरक़्क़ी कर रहा है। दुनिया में ऐसे कईं आविष्कार हुए जिन्होंने इंसानों का काम आसान कर दिया है। बल्कि ऐसी बहुत-सी मशीनें भी बन गई हैं जिन्होंने इंसानों की जगह ले ली है। इंसानों की जगह कई कंपनियां मशीनों को हायर कर रही हैं, जिससे कंपनियों का खर्च भी कम हो गया है। इससे बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जा रही हैं और रोज़गार के मौके भी कम हो गए हैं। एक तरफ नौकरियां कम होने के अंदेशे से पूरी दुनिया डरी हुई है। इस बीच खबर आई है कि अब मशीनें कोर्ट में इंसानों के लिए केस लड़ेगी। जी हां, अदालतों में अब वकीलों की जगह जल्द ही रोबोट किसी मामले की बहस करते नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि अगले महीने ही पहली बार अमेरिका की एक अदालत में एक रोबोट वकील देखने को मिलेगा।

रोबोट कोर्ट में बहस करता नजर आएगा

अब तक आपने शारीरिक श्रम वाले कामों में मशीनों को इंसानों की मदद करते हुए देखा होगा या फिर प्रोग्रामिंग वाले काम रोबोट कर सकते हैं। मशीनें काम तो कर सकती हैं लेकिन उनके पास इतना विवेक नहीं होता है कि वो तर्क कर सकें। हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए अब ये भी पॉसिबल हो गया है कि मशीनें तर्क और बहस भी कर सकती हैं।

ट्रैफिक से जुड़े मामले के लिए करेगा डिफेंड

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला ये वकील फरवरी में इंसानों को डिफेंड करता नजर आएगा। हालांकि, अभी इसकी सही डेट और कोर्ट के बारे में नहीं बताया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से व्यक्ति को ट्रैफिक से जुड़े एक मामले के लिए डिफेंड करेगा। AI रोबोट को ‘DoNotPay’ नाम के एक स्टार्टअप ने बनाया है। यह स्मार्टफोन पर चलेगा और रियल टाइम में अदालत की सभी दलीलें सुनेगा।

मुकदमे लड़ने के लिए किया गया ट्रेंड

जानकारी दें, DoNotPay एक कानूनी सेवा चैटबॉट है, जिसकी स्थापना 2015 में ब्रिटिश-अमेरिकी एंटरप्रेन्योर जोशुआ ब्राउनर ने की थी। पहले ये चैटबॉट सिर्फ कंज्यूमर्स को लेट फीस और फाइन के बारे में बताना था लेकिन अब वो केस लड़ने के लिए भी प्रशिक्षित हो चुका है। ब्राउनर ने कहा कि इस AI रोबोट को मामले के बारे में प्रशिक्षित करने में काफी समय लगा।

केस की सुनवाई के लिए बेहद कम फीस लेगा रोबोट

जोशुआ ब्राउडर के अनुसार, यूरोपियन कोर्ट में मानवाधिकार के लिए लड़ने वाले कई अच्छे वकील हैं लेकिन उनकी फीस बहुत ज्यादा है। ऐसे में चैटबोट के जरिये केस को लड़ना काफी सस्ता होगा, क्योंकि ये डॉक्यूमेंटेशन के लिए ज्यादा पैसे चार्ज नहीं करेगा। इसकी फीस केस के मुताबिक 20 हज़ार से 1 लाख रुपये तक हो सकती है।

केस की सुनवाई इस तरीके से करेगा रोबोट

कंपनी के मिशन के अनुसार, “DoNotPay आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का उपयोग कंज्यूमर्स को बड़े निगमों के खिलाफ लड़ने और उनकी समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए करता है, जैसे कि पार्किंग टिकट, बैंक फीस की अपील करना और रोबोकॉलर्स पर मुकदमा करना।” विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रकाशन न्यू साइंटिस्ट ने बताया कि एआई रोबोट अदालत में सुनी गई जानकारी को प्रोसेस और विश्लेषण करेगा और फिर प्रतिवादी को जवाब देने की सलाह देगा।