India News(इंडिया न्यूज),Taiwan:चीन और ताइवान आमने-सामने हैं। हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को चेक दिया है। दिसंबर 2024 में अमेरिका ने शुक्रवार को ताइवान को 571.3 मिलियन डॉलर की सहायता राशि दी है।अमेरिका ने ताइवान को 290 मिलियन डॉलर के हथियार बेचने की बात भी कही है। इसके बाद से ताइवान चीन के खिलाफ मुखर है। हाल ही में चीनी सैनिक समुद्र के अंदर ताइवान के केबल काट रहे थे, जिसे ताइवान ने पकड़ लिया। दोनों की सीमा पर तनाव का माहौल है। अगर चीन ताइवान से पंगा लेता है तो वह बहुत पीछे चला जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका अपने दुश्मन को किसी और के साथ युद्ध में उलझाकर अपना हित साध रहा है।
बाइडेन ने किया था ये काम
2022 में बाइडेन ने इसी तरह यूक्रेन को चेक देकर रूस से लड़ाई करवा दी थी। जिसके बाद रूस आर्थिक मोर्चे पर पिछड़ता चला गया और अमेरिका को काफी फायदा हुआ। अब ट्रंप चीन के साथ भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। टैरिफ और ताइवान में फंसा चीन! इससे पहले अमेरिका और रूस के बीच आर्थिक ताकत के साथ-साथ सैन्य ताकत की भी जंग चल रही थी। फिर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और अमेरिका ने यूक्रेन की मदद करके उसे लंबे युद्ध में झोंक दिया और तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगा दिए।
अब अमेरिका भी चीन के साथ कुछ ऐसा ही कर रहा है। ताइवान के साथ चीन का तनाव चरम पर है और अमेरिका ने ताइवान को हथियार और सुरक्षा की गारंटी दी है, अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो ताइवान अमेरिकी मदद से चीन के साथ लंबा युद्ध लड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ ट्रंप ने चीन पर 10 फीसदी टैरिफ और लगा दिया है। ऐसे में चीन अमेरिका से युद्ध और आर्थिक मोर्चे पर मुकाबला नहीं कर पाएगा।
ताइवान को हो सकता है खतरा
ट्रंप को भरोसेमंद दोस्त नहीं माना जाता है, उन्होंने यूक्रेन युद्ध में भी जेलेंस्की को अकेला छोड़ दिया और अब रूस से बातचीत शुरू कर दी है। ऐसे में अगर ताइवान अमेरिका पर भरोसा करके युद्ध शुरू भी कर देता है तो इस बात का कोई भरोसा नहीं है कि अमेरिका कितने समय तक उसका साथ देगा। अब देखना होगा कि ताइवान और चीन के बीच तनाव युद्ध में बदलेगा या कूटनीतिक तरीके से इसका समाधान होगा।