India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और ऑलराउंडर शाकिब अल हसन एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह क्रिकेट नहीं, बल्कि राजनीति और कारोबार से जुड़ी उनकी गतिविधियां हैं। राजनीति और कारोबारी विवादों में उतरने की वजह से शाकिब को उनकी संपत्ति जब्त करने का नोटिस मिला है। इस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी। शाकिब ने न सिर्फ अपनी नाराजगी जाहिर की, बल्कि यूनुस समेत उन सभी लोगों पर निशाना साधा, जिन्होंने उन्हें इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया।
शाकिब ने इंटरव्यू में साफ कहा कि जिस कारोबार में मेरी 35 फीसदी हिस्सेदारी है, उसकी पूरी जिम्मेदारी मुझ पर डाल दी गई, जबकि बाकी 65 फीसदी शेयरधारकों के नाम तक उजागर नहीं किए गए। उनका इशारा साफ था कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया, क्योंकि बाकी लोग उनके नाम और पहचान का इस्तेमाल कर छिपे रहना चाहते हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि कारोबार में घाटा कोविड-19 महामारी की वजह से हुआ और उस समय न तो उत्पादन हो पाया और न ही समय पर कर्ज चुकाया जा सका।
कारोबार में क्या दिक्कत है?
शाकिब के मुताबिक, देनदारी सिर्फ 4.5 करोड़ टका की थी, जिसमें उनका हिस्सा सिर्फ 1.2 करोड़ टका था। इसके बावजूद उन्हें अपनी संपत्ति जब्त करने का नोटिस अनुचित और अव्यवहारिक लगा। उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों के कर्जदार खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन मुझे निशाना बनाया जा रहा है, सिर्फ इसलिए क्योंकि मेरा नाम बड़ा है। इस बयान के साथ ही उन्होंने उन अधिकारियों और आलोचकों पर भी हमला बोला, जो उन पर आरोप लगा रहे हैं।
निवेश पर भी उठे सवाल
शाकिब ने अपने शेयर बाजार निवेश को लेकर उठे सवालों का भी बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद कभी ट्रेडिंग नहीं की, न ही उनके पास कोई ट्रेडिंग ऐप है और न ही उन्होंने खुद कोई ट्रांजेक्शन किया। उन्होंने सिर्फ एक व्यक्ति को निवेश करने के लिए पैसे दिए थे, लेकिन उसमें पूरी रकम डूब गई। शाकिब का दावा है कि अगर कोई यह साबित कर दे कि मैंने शेयर बाजार से एक पैसा भी निकाला है, तो मैं अपनी सारी संपत्ति देने को तैयार हूं। सिस्टम बदलना चाहता था- शाकिब
राजनीतिक आरोपों पर शाकिब ने कहा, “अगर राजनीति में आना अपराध है, तो भविष्य में कोई भी इसमें शामिल नहीं हो पाएगा। मैं सिस्टम को अंदर से बदलना चाहता था।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें अपना पक्ष साफ करने का मौका मिलेगा और वह जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
आखिर में शाकिब ने भावुक होते हुए कहा, “मेरा सपना अभी भी यही है कि मैं फिर से बांग्लादेश के लिए खेलूं और अपने देश में ही संन्यास लूं। मैं भाग नहीं रहा हूं, मैं हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हूं।” ये शब्द उस क्रिकेटर के हैं, जिसने कभी बांग्लादेश को क्रिकेट में नई ऊंचाइयां दी थीं और अब खुद को न्याय की तलाश में खड़ा पाता हूं।