India News (इंडिया न्यूज), Prahlad Iyengar Indian student suspended by MIT: अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में पढ़ने वाले भारतीय मूल के छात्र प्रहलाद अयंगर को एक पत्रिका में फिलिस्तीन के पक्ष में निबंध लिखने के बाद बड़ा एक्शन लिया गया है। दरअसल, उन्हें कॉलेज में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके अलावा उन्हें जनवरी 2026 तक निलंबित कर दिया गया है। इन सब कारणों की वजह से उनकी 5 साल की NSF फेलोशिप खत्म हो गई है। वहीं, MIT कोलिशन अगेंस्ट अपाथाइड (MCAA) उनके समर्थन में सामने आया है और उनके निलंबन को कैंपस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है।

कौन है प्रह्लाद अयंगर?

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, प्रह्लाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग में पीएचडी के छात्र हैं। साल 2023 में फिलिस्तीन समर्थक रैलियों में हिस्सा लेने के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था। MIT के डीन ऑफ स्टूडेंट लाइफ डेविड वॉरेन रैंडल द्वारा पत्रिका के संपादकों को भेजे गए ईमेल में कहा गया है कि, ‘ऑन पैसिफिज्म’ शीर्षक वाले निबंध में प्रह्लाद द्वारा इस्तेमाल की गई तस्वीरों और भाषा को MIT में विरोध के अधिक हिंसक या विनाशकारी रूपों के आह्वान के रूप में समझा जा सकता है।

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क्या था उस निबंध में?

ईमेल में निबंध में इस्तेमाल की गई तस्वीरों का भी हवाला दिया गया है, जिसमें पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन का लोगो भी शामिल है, जिसे अमेरिकी विदेश विभाग ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। पत्रिका के संपादकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। WBUR से बातचीत के दौरान प्रह्लाद ने अपने निलंबन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन बताया। प्रह्लाद अयंगर के अनुसार, “पत्रिका का उद्देश्य हमारे शब्दों में यह बताना था कि हम क्या कर रहे थे, हम ऐसा क्यों कर रहे थे और परिसर में क्या हो रहा था।”

काफी खुशमिजाज था प्रह्लाद

अगर हम प्रह्लाद के फेसबुक प्रोफाइल पर शेयर किए गए पोस्ट पर एक नजर डालने से पता चलता है क,  पहले वह एक खुशमिजाज व्यक्ति था, जिसे घूमना-फिरना और अपने दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद था। उसका फेसबुक प्रोफाइल साल 2019 में यूरोप भर में अपने दोस्तों के साथ यात्रा करने की तस्वीरों से भरा हुआ था। हालांकि, जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के दौरान चीजें बदल गईं। मई 2020 में, उन्होंने एक डार्क-थीम वाली पोस्ट की। इसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने फ्लॉयड की मौत के बाद पुलिस की बर्बरता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अटलांटा में हुई उथल-पुथल को दर्शाया। वह निष्क्रिय समर्थन से सक्रिय भागीदारी में चले गए और अराजकता को स्वीकार कर लिया।

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आखिर कैसे बना फिलिस्तीन समर्थक?

यही वह समय था जब उनकी प्रोफाइल अचानक बदल गई और वे एक कार्यकर्ता बन गए। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों में भाग लेना शुरू कर दिया। फिर फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। हमास के खिलाफ इजरायल की सैन्य कार्रवाई के बाद उन्होंने फिलिस्तीन के पक्ष में आंदोलन करना शुरू कर दिया। प्रहलाद अयंगर ने इसमें बड़े उत्साह के साथ भाग लेना शुरू कर दिया। प्रह्लाद भारतीय मूल का एक सरल और जनेऊधारी ब्राह्मण लड़का था, जो अपने जीवन से प्यार करता था। 

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