India News (इंडिया न्यूज), How China Influence Maldives: पिछले कुछ सालों में भारत की विदेश नीतियों में कई बड़े बदलाव आए हैं। यही वजह है कि भारत आज वैश्विक स्तर पर और भी प्रभावशाली बनकर उभरा है। ऐसे में भारत से पंगा लेना किसी भी देश के लिए फायदे का सौदा तो नहीं हो सकता है। कुछ समय पहले भारत को तेवर दिखाने वाले एक देश के साथ भी अब ऐसा ही हो रहा है। ये देश चीन के बहकावे में आकर भारत से पंगा ले बैठा था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब इस देश को भारत से मदद की जरूरत पड़ रही है क्योंकि हालात बहुत बिगड़ चुके हैं।
अपने पैर पर मारी कुल्हाड़ी?
ये देश है मालदीव, जहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपनी नीतियों की वजह से खुद ही खतरे में आ गए हैं। कभी इस देश को पर्यटकों का स्वर्ग कहा जाता था लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि ये देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। मोहम्मद मुइज्जू ने चीन के चक्कर में आकर भारत विरोधी नीतियां चलानी शुरू कर दी थीं। जिसके जवाब में पीएम मोदी ने भी बिना किसी शोर-शराबे के सिर्फ फोटोशूट करवाकर भारतवासियों को मालदीव के बजाय लक्षद्वीप के पर्यटन को बढ़ावा देने का संदेश दिया था।
इतना भयंकर कर्ज
चीन के चक्कर में आकर जुलाई में मालदीव का शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार 50 मिलियन डॉलर से नीचे चला गया जबकि इस देश का सकल भंडार 400 मिलियन डॉलर से गिर गया। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने मालदीव की क्रेडिट रेटिंग को पिछली CCC+ से घटाकर CC+ कर दिया है। जिसका नतीजा ये हुआ है कि मालदीव पर भारी बाहरी कर्ज हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये कर्ज करीब 3.5 अरब डॉलर है।
China ने ठुकराया, India बना मसीहा
कोई रास्ता नहीं दिखने पर मालदीव ने चीन से मदद मांगी लेकिन कर्ज के पुनर्गठन की मांग चीन ने ठुकरा दी। जिसके बाद राष्ट्रपति को भारत से बेलआउट की अपील करनी पड़ी, भारत ने दरियादिली दिखाते हुए कर्ज अदायगी के लिए मालदीव को राहत देदी है।