India News (इंडिया न्यूज), Mao: चीनी क्रांति को सफल बनाने के लिए जिस एक शख्स का नाम सबसे आगे आता है, वह है माओ। माओ एक चीनी क्रांतिकारी, राजनीतिक विचारक और कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे बड़े नेता थे। 1949 से 1973 तक माओ चीन की सत्ता में रहे। उन्होंने जिन सिद्धांतों का पालन किया, उन्हें माओवाद कहा जाता है। लेकिन इसके अलावा माओ की एक और छवि है, जो उन्हें विवादों में घेरती है। माओ पर बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन उन पर लिखी गई तीन किताबें ऐसी हैं जो उनके व्यक्तित्व को पूरी तरह बयां करती हैं।
चेयरमैन माओ के बारे में कही ये बात
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर ने अपनी आत्मकथा ‘इयर्स ऑफ रिनिउअल’ में लिखा है कि, “मैं चीनी प्रधानमंत्री चाउ एन लाई से बात कर रहा था, तभी अचानक उन्होंने कहा कि, चेयरमैन माओ आपका इंतजार कर रहे हैं। उन्हें इस बात की चिंता नहीं थी कि हम उनसे मिलने के लिए तैयार हैं या नहीं। हमारे साथ किसी अमेरिकी सुरक्षाकर्मी को जाने की इजाजत नहीं थी। जब हम माओ से मिले, तो प्रेस को बताया गया कि ऐसा हुआ है।”
माओ को नहाने से बहुत नफरत थी
माओ के पूर्व डॉक्टर जी शि ली ने माओ के निजी जीवन के बारे में एक चर्चित किताब लिखी है, जिसका नाम ‘द प्राइवेट लाइफ ऑफ चेयरमेन माओ’ है। इसमें उन्होंने लिखा है कि माओ ने अपने जीवन में कभी दांत साफ नहीं किए। माओ अपने दांतों को साफ करने के लिए हर सुबह चाय से कुल्ला करते थे। इस कारण से माओ के दांत इतने बदरंग हो गए थे, मानो किसी ने उन पर पेंट कर दिया हो। इस किताब में ली ने माओ की दिनचर्या से जुड़ी कई बातें सार्वजनिक की हैं। उन्होंने लिखा है कि माओ को नहाने से भी नफरत थी। लेकिन तैराकी उन्हें सबसे ज्यादा पसंद थी। खुद को तरोताजा करने के लिए माओ गर्म तौलिये से स्पंज बाथ लेते थे।