India News (इंडिया न्यूज), Military Training For Bangladeshi Youth : पड़ोसी देश बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से स्थिरता बनी हुई है। यूनुस सरकार की आखों के सामने सब कुछ हो रहा है, इसके बाद भी वहां की अंतरिम सरकार कुछ नहीं कर रही है। केवल भारत के खिलाफ बयानबाजी और साजिशें रचने के अलावा। अब बांग्लादेश की सेना युवाओं को आर्मी ट्रेनिंग देने की योजना पर काम कर रही है। वहां पर मुक्तिवाहिनी जैसे नागरिक सैन्य समूहों के गठन पर काम किया जा रहा है।
इसी को लेकर राजधानी धाका के उस्मानी ऑडिटोरियम में आयोजित किए गए एक सम्मेलन में डिप्टी कमिश्नरों (DC) ने युवाओं के लिए सार्वभौमिक आर्मी ट्रेनिंग (Universal Military Training) का प्रस्ताव रखा, जिससे युवाओं को सेना की मदद के लिए तैयार किया जा सके और देश की सुरक्षा को और मजबूत बनाया जा सके।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रस्ताव का मकसद युवाओं को आर्मी ट्रेनिंग देकर उन्हें देश की सुरक्षा में योगदान देने के लिए तैयार करना है। याद दिला दें कि 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान मुक्तिवाहिनी ने भारतीय सेना के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना को हरा दिया था। अब एक बार फिर से देश में ऐसे नागरिक सैन्य समूहों के गठन की मांग उठ रही है।
जनता और सैना के बीच सहयोग
नागरिक सैन्य समूहों के गठन को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) अब्दुल हाफिज ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद नागरिक प्रशासन और सैन्य बलों के बीच आपसी समझ को बढ़ाना है. यह कदम देश की सुरक्षा चुनौतियों को बेहतर ढंग से निपटाने के लिए उठाया जा रहा है। इसके अलावा डिप्टी कमिश्नरों ने युवाओं के लिए सार्वभौमिक आर्मी ट्रेनिंगकी आवश्यकता पर जोर दिया। अब्दुल हाफिज ने बताया कि यह प्रशिक्षण युवाओं को देश की रक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर देगा। अधिकारियों के मुताबिक आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में भी इन प्रशिक्षित युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
पहले से दी जा रही है आर्मी ट्रेनिंग
बता दें कि बांग्लादेश में पहले से ही छोटे स्तर पर आर्मी ट्रेनिंग दी जा रही है। अंसार वीडीपी के माध्यम से प्रत्येक उपजिला में पहले से ही छोटे स्तर पर आर्मी ट्रेनिंग दिया जा रहा है। विस्तारित करने का सुझाव डिप्टी कमिश्नरों ने दिया है, जिसके लिए राजनीतिक निर्णय और बजट की आवश्यकता होगी। सरकार के निर्देश के बाद सशस्त्र बल इस योजना को लागू करने के लिए तैयार हैं। इस सम्मेलन में पहाड़ी इलाकों में कुकी-चिन नेशनल फ्रंट की आतंकवादी गतिविधियों के कारण हो रहे व्यवधान पर भी चिंता व्यक्त की गई।