India News(इंडिया न्यूज),India Pakistan Tension:ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पाकिस्तान को और भी तोड़ देगा। आतंकवाद के जनक पाकिस्तान को दुनिया में कहीं भी नहीं बख्शा जाएगा। इसके लिए मोदी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। जी हां, मोदी सरकार आतंकवाद पर पाकिस्तान को दुनिया भर में बेनकाब करने के लिए विदेश में एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। सीएनएन ने खुलासा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न देशों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की संभावना पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना है। पाकिस्तान को बेनकाब करना है।
विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर रही है सरकार
सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि मोदी सरकार फिलहाल विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर रही है। सरकार बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की संरचना और कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले उन्हें एक साथ लाना चाहती है। सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट मोर्चा पेश करने के लिए सरकार का यह एक बहुत ही ठोस प्रयास है।विदेश जाने वाला भारत का बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत का पक्ष रखने के लिए पांच सूत्री एजेंडे पर चर्चा करेगा।
- पाकिस्तान की उन भड़काऊ कार्रवाइयों का विस्तृत ब्यौरा देना, जिसके कारण ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया।
- यह बताना कि इन खतरों के प्रति ऑपरेशन सिंदूर क्यों एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया थी।
- यह बताना कि यदि आतंकवाद की ऐसी ही घटनाएं होती रहीं, तो भविष्य में भी ऐसी ही कार्रवाई की जा सकती है।
- इस बात पर जोर देना कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया।
- आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना और इसके वैश्विक परिणामों पर प्रकाश डालना।
यह टीम क्या करेगी?
सूत्रों का कहना है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल विदेशी सरकारों, थिंक टैंक और मीडिया संस्थानों से बातचीत करेगा। यह भारतीय टीम पाकिस्तानी धरती से आतंकवाद के मद्देनजर ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत और उसके मायने पर भारत का पक्ष रखेगी। प्रतिनिधिमंडल के स्वरूप की घोषणा सभी पक्षों से बातचीत के बाद की जाएगी, क्योंकि सरकार सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर बहुपक्षीय दृष्टिकोण चाहती है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी पहल
हालांकि, यह पहली पहल नहीं है। दशकों पहले भी ऐसी पहल की गई हैं। यह कदम केंद्र द्वारा पहले की गई पहलों के अनुरूप है। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अटल बिहारी वाजपेयी को यूएनएचआरसी भेजा था। वहीं, 26/11 मुंबई हमलों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बात की थी।
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