India News (इंडिया न्यूज), Mohamed Muizzu in India: भारत और मालदीव के रिश्तो साल 2024 की शुरुआत में ख़राब हो गए थे। हाल के महीनों में भारत-मालदीव संबंधों में नाटकीय सुधार के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार (6 अक्टूबर) को भारत पहुंचे। यह उनकी भारत की पहली राजकीय यात्रा है। इस यात्रा के पहले दिन उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। मुइज्जू ने भारत के साथ मालदीव के संबंधों को लेकर भी कई बातें कहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचे।
चीन के साथ बढ़ते नजदीकी पर दी सफाई
बता दें कि, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी देश के चीन के साथ बढ़ते संबंधों पर चिंताओं के बीच मुइज्जू ने कहा कि मालदीव विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उसके कार्यों से क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से समझौता न हो। मुइज्जू ने कहा कि भारत मालदीव का एक मूल्यवान साझेदार और मित्र है और यह संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव भारत के साथ मजबूत और रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेगा।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने आगे कहा कि उनका देश मालदीव फर्स्ट की नीति का पालन करते हुए भारत के साथ अपने दीर्घकालिक और भरोसेमंद संबंधों को प्राथमिकता देना जारी रखेगा। हमें विश्वास है कि अन्य देशों के साथ हमारे संबंध भारत के सुरक्षा हितों को कमजोर नहीं करेंगे।
मुइज्जू ने भारतीय सेना के निष्कासन पर क्या कहा?
राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सेना के निष्कासन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने निष्कासन को उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय लोगों की इच्छा को दर्शाता है। मुइज्जू ने आगे कहा कि भारत हमारे सबसे बड़े विकास भागीदारों में से एक है और रक्षा सहयोग हमेशा प्राथमिकता रहेगा। क्षेत्रीय युद्धों के साथ वैश्विक रूप से चुनौतीपूर्ण इन समयों में सभी देशों की सुरक्षा को खतरा है। इन सहयोगों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मालदीव और भारत अब एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं। भारतीय सैनिकों के निष्कासन के संबंध में मैंने वही किया जो मालदीव के लोगों ने मुझसे कहा था।