India News (इंडिया न्यूज), Mohammad Yunus Beijing Visit : इस वक्त बांग्‍लादेश में सरकार चला रहे मोहम्‍मद यूनुस चीन के दौरे पर हैं। गुरुवार देर रात यूनुस बीजिंग के कैपिटल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे। जानकार उनकी इस यात्रा को बांग्लादेश के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जहां एक तरफ यूनुस चीन के दौरे पर हैं, तो वहीं अमेरिका ने ढाका में अपने जनरल को तैनात कर द‍िया है।

कुछ रिपोर्ट्स की माने तो यूनुस का मकसद बांग्लादेश की कमजोर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीनी निवेश और सहायता हासिल करना है। यूनुस यहां पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य शीर्ष अधिकारियों से करेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि चीन पहले ही अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत कई परियोजनाओं में बांग्लादेश को शामिल कर चुका है। अब यूनुस की यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों में नई गति आने की उम्मीद के तौर पर देखी जा रही है।

बांग्लादेश को लेकर अमेरिका का प्लान

यूनुस की चीन यात्रा को देखते हुए अमेरिका ने ढाका में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने का फैसला किया है। इसी कड़ी में अमेरिकी सेना के डिप्टी कमांडिंग जनरल लेफ्टिनेंट जनरल जोएल ‘जेबी’ वॉवेल ढाका पहुंचे, जो शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद किसी वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी की पहली यात्रा है। जानकारों का मानना है कि अमेर‍िका चीन के साथ बांग्‍लादेश की नजदीकी पर नजर रखे हुए है. वह नहीं चाहता क‍ि बांग्‍लादेश क‍िसी भी तरह चीन के पक्ष में झुके।

याद दिला दें कि अमेरिका ने हाल में बांग्लादेश को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में कटौती की थी, जिसके बाद ढाका के पास बीजिंग की ओर झुकने के अलावा कम विकल्प बचे थे। अब अमेरिका सैन्य सहयोग के जरिए अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

चीन दौरे पर भारत की नजर

वहीं अगर भारत की बात करें तो इस घटनाक्रम पर भारत सतर्क नजर आ रहा है। जहां शेख हसीना के शासन में भारत और बांग्लादेश के रिश्ते मजबूत थे। लेकिन अब बांग्लादेश में चीन का बढ़ता प्रभाव और अमेरिका की सैन्य सक्रियता नई दिल्ली के लिए चिंता का विषय है। नई दिल्ली नहीं चाहता की बांग्लादेश पूरी तरह चीन या अमेरिका के पाले में चला जाए। अब देखना होगा की आने वाले समय में बांग्लादेश किसकी तरफ जाता है।

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