India News (इंडिया न्यूज), Pakistan News: पाकिस्तान की ये खबर सुनकर शहबाज शरीफ की रातों की नींद उड़ाने वाला है। दरअसल, बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रांतीय विधानसभा के मौजूदा सदस्य नवाब असलम रईसानी ने जो बयान दिया है, उसने पाकिस्तान सरकार की खटिया खड़ी कर दी है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि, बलूच लोगों का बहुमत पाकिस्तान से आजादी का समर्थन करता है।
एक बयान में उन्होंने बलूच राष्ट्र को तीन अलग-अलग गुटों में विभाजित बताया। एएनआई ने एक पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि रईसानी ने कहा, “बलूच लोगों का एक बड़ा हिस्सा आजादी के पक्ष में है और राष्ट्रीय आजादी के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है।” रईसानी ने कहा कि दूसरे समूह में राज्य से जुड़े लोग शामिल हैं, जो व्यक्तिगत हितों और सत्ता की चाहत से प्रेरित हैं।
रईसानी ने कही ये बात
इसके अलावा रईसानी ने कहा कि, “यह गुट मौजूदा व्यवस्था के प्रति वफादार है और राष्ट्रीय आकांक्षाओं पर सत्ता को प्राथमिकता देता है।” उन्होंने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि, तीसरे गुट में राष्ट्रवादी दल शामिल हैं, जो संघ के भीतर स्वायत्तता और संसाधन नियंत्रण की वकालत करते हैं। हालांकि, उन्होंने इस समूह को कमजोर और प्रभाव में सीमित बताया। उन्होंने कहा, “मौजूदा परिस्थितियों में, इन राष्ट्रवादी संसदीय दलों ने अपना महत्व खो दिया है।” इससे पहले शनिवार को बलूच यखजेती समिति ने बलूच युवाओं के लगातार गायब होने के मुद्दे को उजागर किया था।
लापता युवाओं की लिस्ट की जारी
इसने अपने बयान में कहा, ‘बलूचों के जबरन गायब होने की घटनाएं बढ़ती जा रही है, जिसका पीड़ितों और उनके परिवारों पर गंभीर असर पड़ रहा है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर लोगों को परेशानी हो रही है। पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा बलों ने कई लोगों को गायब किया है, जिनमें से 11 को दर्ज किया गया है।’ बीवाईसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘लापता युवाओं का विवरण इस प्रकार है। उथल बाजार से बलूच, बयान, नासिर और गुलाब बलूच, लासबेला विश्वविद्यालय के छात्र। असकानी बाजार, तुर्बत, केच से निसार बलूच और सलीम बलूच। जेवानी, ग्वादर से फकीर मुहम्मद, दाद मुहम्मद और दुर्जन बलूच। कराची से परवेज समद, सिद्दीकी अहमद।
उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि, राज्य और उसके अधिकारी बलूच नरसंहार को बढ़ावा दे रहे हैं और इस प्रतिरोध को कुचलने के लिए जबरन युवाओं को गायब कर रहे हैं। ताकि लोगों में दहशत पैदा किया जा सके।
धरना शिविर हुआ आयोजित
बीवाईसी ने 27 नवंबर को दिल जान बलूच के परिवार के साथ अवारन में एक धरना शिविर का आयोजन किया, जिसे 22 जून, 2024 को जबरन गायब कर दिया गया था। इस सेमिनार में कई वक्ता मौजूद हैं। उन वक्ताओं में बीवाईसी नेता सम्मी दीन बलूच, दिल जान के परिवार के सदस्य और अन्य शामिल थे। इन सभी लोगों ने मिलकर बलूच लोगों की वर्तमान दुर्दशा पर अपनी बात ऱखी और इस जुल्म का पुरजोर तरीके से विरोध किया। उन्होंने पिछले आश्वासनों को पूरा करने में राज्य की विफलता की निंदा की।