India News (इंडिया न्यूज), Muslim Population In Nepal : भारत के पड़ोसी देश नेपाल में प्रतिशत के हिसाब से सबसे ज्यादा हिंदू आबादी रहती है। लेकिन हाल में सामने आए आकड़ो में तस्वीर बदलती हुई नजर आई है। इनके मुताबिक नेपाल में पिछले दशक में हिंदुओं और बौद्धों की जनसंख्या आंशिक रूप से घटी है जबकि मुसलमानों एवं ईसाइयों की जनसंख्या मामूली रूप से बढ़ी है। जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल पहले हिंदू राष्ट्र था, लेकिन बाद में देश में राजशाही के खत्म होने और लोकतंत्र के बहाल होने के बाद इसे सेकुलर देश घोषित कर दिया गया था।

वैसे बीच-बीच में नेपाल से देश को वापस हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठती रहती है। वहीं अगर नेपाल में मुसलमानों की बात करें तो, इनकी अधिकतर आबादी तराई इलाके में निवास करती है। यह इलाका भारत से सटा हुआ है।

नेपाल में 10 साल में घटी हिंदुओं की संख्या

नेपाल में अगर पिछले 10 सालों की बात करें तो हिंदुओं और बौद्धों की संख्या क्रमश: 0.11 फीसद और 0.79 प्रतिशत घटी जबकि मुसलमानों , किरातों एवं ईसाइयों की संख्या क्रमश: 0.69, 0.17 और 0.36 फीसद बढ़ी है। नेपाल में हुए 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 81.3 प्रतिशत हिंदू, नौ प्रतिशत बौद्ध, 4.4 प्रतिशत मुसलमान, 3.1 प्रतिशत कीरत, और 0.1 प्रतिशत ईसाई थे।

नेपाल के केंद्रीय जनसांख्यिकी ब्यूरो के आकड़ों के अनुसार 2021 की एक जनगणना रिपोर्ट में हिंदू धर्म को सबसे बड़ा बताया गया है। इस कड़ी में नेपाल में हिंदुओं की जनसंख्या 81.19 प्रतिशत है। वहां पर नेपाल में 2,36,77,744 लोग हिंदू हैं जबकि 23,94,549 लोग बौद्ध है। नेपाल में बौद्ध धर्म सबसे ज्यादा माना जाने वाला दूसरा धर्म है और बौद्ध धर्मावलंबी 8.2 फीसद हैं।

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नेपाल में मुस्लिम आबादी के आकड़े

आकड़ो के मुताबिक भारत के पड़ोसी देश में इस्लाम मांगने वालों की संख्या 14,83,060 है, जो कुल जनसंख्या का 5.09 प्रतिशत हैं। ये देश में सबसे अधिक माने जाने वाला तीसरा बड़ा धर्म है। जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दशक में हिंदुओं और बौद्धों की जनसंख्या आंशिक रूप से कम हुई है जबकि मुसलमानों, ईसाइयों और किरात की जनसंख्या मामूली रूप से बढ़ गयी है।

मुस्लिम जनसंख्या में बढ़ने का क्या है कारण?

विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। मुस्लिम समुदाय में जन्मदर अधिक है, वहीं नेपाल में पिछले कुछ वर्षों में मुस्लिम संगठनों की संख्या भी बढ़ी है। इसके अलावा, नेपाल और भारत के बीच खुली सीमा के कारण जनसंख्या में प्राकृतिक बदलाव आ रहा है। यह बदलाव नेपाल के धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने को किस हद तक प्रभावित करेगा, यह आने वाले वर्षों में स्पष्ट होगा।

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