India News (इंडिया न्यूज), China On Modi-Trump Meeting : वाशिंगटन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक से चीन को मिर्ची लग गई है। दोनों नेताओं की मुलाकात पर अब चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है। शुक्रवार को बीजिंग ने कहा कि द्विपक्षीय सहयोग में चीन को मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए और इससे किसी तीसरे देश के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। इसी को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मोदी और ट्रंप की मुलाकात पर कहा कि एशिया-प्रशांत शांतिपूर्ण विकास का केंद्र है, न कि भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का क्षेत्र।
‘चीन को मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए’
मीडिया से बात करते हुए चीनी प्रवक्ता ने कह कि, चीन का मानना है कि देशों के बीच संबंधों और सहयोग में चीन को मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए या अन्य के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए तथा यह शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अनुकूल होना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि विशेष समूह बनाने तथा गुटीय राजनीति और गुटीय टकराव में शामिल होने से सुरक्षा नहीं आएगी तथा किसी भी तरह से एशिया-प्रशांत एवं पूरे विश्व को शांतिपूर्ण और स्थिर नहीं रखा जा सकेगा।
शांतिपूर्ण एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर हुई चर्चा
मोदी और ट्रंप के बीच हुई बैठक में रक्षा सहयोग को मजबूत करने के अलावा अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ साझेदारी को स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मानने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और 21वीं सदी के लिए एक नयी पहल ‘यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट’ (सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के लिए अवसर उत्पन्न करना) शुरू की है।
चीन के सामने क्वाड समूह
चीन को जवाब देने के लिए क्वाड का गठन किया गया था। इस समूह में भारत के अलावा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। चीन क्वाड से चिंतित है और उसका कहना है कि इस गठबंधन का उद्देश्य उसके उभार को रोकना है। ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक को लेकर चीन में हलचल रही, विशेष रूप से नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच रक्षा सहयोग के क्षेत्र में निकलने वाले परिणाम को लेकर।