India News (इंडिया न्यूज),Operation Sindoor:अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र के रूप में बेनकाब करने का भारत का अभियान जारी है। इसी क्रम में भारत के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब का दौरा किया और पाकिस्तान की आतंकवाद संबंधी गतिविधियों को उजागर करने के साथ ही ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत भी बताई। यह प्रतिनिधिमंडल भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सऊदी अरब पहुंचा, जिसमें एआईएमएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं। जहां उन्होंने सऊदी अरब के राज्य मंत्री और कैबिनेट सदस्य अदेल बिन अहमद अल-जुबैर से मुलाकात की। चर्चा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में वापस डालने के लिए सऊदी अरब से समर्थन मांगा।
एफएटीएफ क्या है?
एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना 1989 में पेरिस में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी। एफएटीएफ में वर्तमान में 37 सदस्य क्षेत्राधिकार और दो क्षेत्रीय संगठन (यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद) शामिल हैं। ये दुनिया के सभी हिस्सों में सबसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिन देशों को आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है, उन्हें एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है। एफएटीएफ नियमित रूप से इस सूची में देशों को जोड़ने या हटाने के लिए संशोधन करता है।
पाकिस्तान के काले कारनामे का खुलासा
प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी विदेश मंत्री से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान न केवल आतंकवादियों को पनाह देता है, बल्कि भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भी भेज रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी विदेश मंत्री से बातचीत में आतंकवाद विरोधी प्रयासों में भारत-सऊदी सहयोग के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2025 में भारत की यात्रा पर आए सऊदी प्रतिनिधिमंडल के साथ संयुक्त बयान में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को भी महत्व दिया गया था।
प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब के वरिष्ठ उलेमा काउंसिल द्वारा जारी फतवे की भी प्रशंसा की, जिसमें आतंकवाद को इस्लामी कानून के खिलाफ बताया गया है। फतवे में आतंकवाद के किसी भी तरह के वित्तपोषण को हराम और दंडनीय अपराध बताया गया है। यह भारत के इस रुख का समर्थन करता है कि कोई भी धर्म निर्दोष नागरिकों के खिलाफ हिंसा को उचित नहीं ठहरा सकता।
2008 मुंबई हमले और साजिद मीर
प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी सरकार को याद दिलाया कि उसने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अबू जंदल को भारत को सौंपकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इसमें पाकिस्तान के उस झूठ का भी जिक्र किया गया जिसमें उसने दावा किया था कि साजिद मीर मारा गया, जबकि वह जिंदा पाया गया।
आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करने का आग्रह
जब सऊदी पक्ष ने सुझाव दिया कि भारत को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए, तो भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई किए जाने से पहले पाकिस्तान से कोई बातचीत संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भी भारत ने पाकिस्तान से बात की, तो उसे नकारात्मक जवाब मिला। प्रतिनिधिमंडल ने रियाद स्थित अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक सैन्य आतंकवाद विरोधी गठबंधन (IMCTC) का भी जिक्र किया और कहा कि सऊदी अरब को पाकिस्तान से आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करने का आग्रह करना चाहिए।