India News (इंडिया न्यूज), Operation Sindoor: आतंकियों के आका पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत ने अपना अभियान शुरू कर दिया है। आतंकवाद पर पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब करने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जाने लगे हैं। भारत ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में 7 बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। इन सभी सात टीमों का नेतृत्व एक वरिष्ठ नेता कर रहे हैं। एक प्रतिनिधिमंडल की जिम्मेदारी बैजयंत पांडा को भी दी गई है, जिसमें एआईएमआईएम सुप्रीमो और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं। पांडा के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल बहरीन पहुंचा।
ओवैसी ने क्या कहा?
मनामा में भारत का पक्ष रखते हुए ओवैसी ने पाकिस्तान की पोल खोल दी। उन्होंने इस्लाम और कुरान का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर के चेहरे पर से नकाब हटा दिया। भाजपा नेता बैजयंत पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में शामिल ओवैसी टीम के अन्य सदस्यों के साथ मुस्लिम देश बहरीन की राजधानी मनामा पहुंचे। एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा, ‘इन आतंकी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को सही ठहराने के लिए कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। उन्होंने कुरान की आयतों को संदर्भ से हटकर उद्धृत किया। हमें इसे खत्म करना होगा।
उन्होंने (पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने) लोगों की हत्या को सही ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान में साफ कहा गया है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।’
प्रोफेसर डॉ लैडविग ने कही ये बात
आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई को पूरी दुनिया का समर्थन मिल रहा है। पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के खिलाफ भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की अब किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर डॉ वाल्टर लैडविग ने प्रशंसा की है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर अपने विश्लेषण में कहा कि, भारत की सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य आतंकवादियों को दंडित करना था, न कि पाकिस्तान के साथ व्यापक संघर्ष को भड़काना। अपने लेख ‘कैलिब्रेटेड फोर्स: ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय प्रतिरोध का भविष्य’ में लैडविग ने कहा है कि भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई में संयम बरता और इसका उद्देश्य आतंकवादियों को सबक सिखाना था।
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