India News (इंडिया न्यूज), Operation Sindoor:भारत ने पाकिस्तान पर जोरदार हमला किया है। सेना, नौसेना और वायुसेना के संयुक्त अभियान में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। भारत ने इस अभियान को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है। हमले के बाद से पाक सेना की सारी खामिया सामने आ गई है। पाक का एयर डिफेंस का पूरी तरह फेलियर साबित हुआ। बता दें इस फेलियर की वजह कहीं ना कहीं चाइना है। जी हां पाकिस्तान अपनी वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए चीन निर्मित HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली पर निर्भर था। लेकिन भारत की सैन्य शक्ति के सामने पाकिस्तान के ‘चीनी सामान’ पूरी तरह से विफल हो गए हैं। भारत ने अपनी उन्नत मिसाइलों और रणनीति की मदद से पाकिस्तान की वायु रक्षा को नष्ट कर दिया और मिसाइलों को चुन-चुन कर मार गिराया।
कैसे फेल हुआ पाक का एयर डिफेंस ?
हाल के घटनाक्रम में भारत ने अपनी सैन्य रणनीति के तहत कई पाकिस्तानी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। खास तौर पर बहावलपुर में भारतीय मिसाइलों ने सटीक हमले किए, जिन्हें रोकने में पाकिस्तान का HQ-9 सिस्टम पूरी तरह से असफल रहा।
तकनीकी खामियां: HQ-9 का रडार सिस्टम भारत के S-400 के मल्टी-AESA रडार जितना उन्नत नहीं है। यह ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक तो कर सकता है, लेकिन उन्हें रोक नहीं पाता। 9 मार्च 2022 को भारत की एक ब्रह्मोस मिसाइल गलती से पाकिस्तान के मियां चन्नू में गिर गई, जिसे HQ-9 ने ट्रैक तो किया, लेकिन उसे रोक नहीं सका।
भारत की SEAD रणनीति: भारत ने अपनी शत्रु वायु रक्षा दमन (SEAD) रणनीति के तहत सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमानों, Kh-31P एंटी-रेडिएशन मिसाइल और स्वदेशी रुद्रम-1 मिसाइल का इस्तेमाल किया। ये मिसाइलें पाकिस्तान के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने में सक्षम हैं।
चीनी हथियारों की गुणवत्ता: पाकिस्तान अपनी 95% से ज़्यादा सैन्य ज़रूरतों के लिए चीन पर निर्भर है। लेकिन चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। HQ-9 जैसी प्रणालियाँ सीमित युद्ध की स्थिति में भारत की उन्नत तकनीक का सामना नहीं कर सकतीं।
भारत की सटीक मिसाइलें: ब्रह्मोस, अस्त्र और रुद्रम जैसी भारत की मिसाइलें बेहद सटीक और तेज़ हैं। उनकी गति और छिपकर हमला करने की क्षमता HQ-9 जैसी प्रणालियों के लिए चुनौती पेश करती है।
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