India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Field Marshal Asim Munir: पाकिस्तान सरकार ने 20 मई को आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट करने का फैसला किया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना से बुरी तरह पिटने के बावजूद शाहबाज सरकार ने असीम मुनीर को प्रमोट किया, जिस पर पूरी दुनिया हंस रही है। यह किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान की सत्ता में सेना का कितना दखल है।
आसिम मुनीर अपनी ताकत क्यों बढ़ा रहे हैं?
इस बीच पाकिस्तान में इस बात को लेकर सियासत गरम है कि असीम मुनीर ने खुद यह पद इसलिए लिया, ताकि वह अपनी ताकत बढ़ा सकें। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर एक कोने से दूसरे कोने तक इतनी तबाही मचाई कि इसे सदियों तक याद रखा जाएगा। आतंकियों की मदद कर रही पाकिस्तानी सेना को करारा जवाब देते हुए भारतीय सेना ने उसके कई एयरबेस और आर्मी कैंप तबाह कर दिए। पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई थी कि उसे सीजफायर की गुहार लगानी पड़ी।
PAK आर्मी चीफ का सबसे बड़ा डर
आसिम मुनीर जानते हैं कि भारतीय सेना ने उनके कई ठिकानों को तबाह कर दिया है। वह अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं, ताकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की हार के लिए उन पर कोर्ट मार्शल न किया जा सके। पाकिस्तान के इतिहास पर नजर डालें तो सैन्य तानाशाहों की लंबी फेहरिस्त है। आसिम मुनीर ने खुद अभी तक पाकिस्तान की सत्ता नहीं संभाली है, क्योंकि उन्हें जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ बगावत का डर है।
पाकिस्तान अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है
परवेज मुशर्रफ ने आठ साल तक पाकिस्तान पर राज किया। उन्होंने शाहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर खुद बागडोर संभाली। 2007 में पाकिस्तान की जनता उनके खिलाफ सड़कों पर उतर आई थी। हालांकि, इसके बाद भी पाकिस्तान में ऐसी सरकारें सत्ता में आईं, जो सेना के इशारे पर काम करती थीं। विशेषज्ञों का मानना है कि लोकतंत्र के मामले में भी पाकिस्तान दुनिया में बदनाम है। अपनी इसी छवि को सुधारने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने यह फैसला किया।