India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Economic Survey: पाकिस्तान दुनियाभर से कर्ज लेता है और अपने लोगों और देश का विकास करने की बजाय उसे आतंकवाद पर खर्च करता है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा है। कर्ज पर निर्भर पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। पाकिस्तान की ओर से जारी आर्थिक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि पड़ोसी देश का कर्ज अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। इससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर संकट गहरा गया है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने सोमवार (9 जून 2025) को अपने देश का आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 जारी किया।

मार्च 2025 तक पाकिस्तान पर कितना कर्ज था?

सीएनएन 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने कहा है कि 31 मार्च 2025 तक उसका कुल कर्ज 76,007 अरब पाकिस्तानी रुपये (76 ट्रिलियन) तक पहुंच गया है, जो उसके इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा कर्ज है। इसका मतलब है कि भारतीय रुपये में यह कर्ज 23.1 ट्रिलियन रुपये और 269.344 अमेरिकी डॉलर है। पाकिस्तान का यह कर्ज पिछले चार सालों में लगभग दोगुना हो गया है, क्योंकि 2020-21 में यह कर्ज 39,860 अरब रुपये था। जबकि पिछले 10 सालों में यह कर्ज करीब पांच गुना बढ़ा है।

पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ कम रहेगी

पाकिस्तान सरकार ने जो आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया है। उसके अनुसार वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 1.37 फीसदी, दूसरी तिमाही में 1.53 फीसदी और तीसरी तिमाही में 2.4 फीसदी रहेगी। ऐसा लगातार तीसरे साल है जब पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ काफी कम रहेगी।

मित्र देशों के सामने भी हाथ फैलाता है पाकिस्तान

पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ मित्र देशों के सामने भी राहत पैकेज मांगने के लिए हाथ फैलाता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने यहां तक ​​कह दिया कि जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या फोन करते हैं तो उन्हें लगता है कि हम उनके पास पैसे मांगने आए हैं। उन्होंने पहले कहा था कि छोटी अर्थव्यवस्थाएं भी पाकिस्तान से आगे निकल गई हैं और हम पिछले 75 सालों से भीख का कटोरा लेकर घूम रहे हैं।

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भारत आईएमएफ और विश्व बैंक के सामने यह मुद्दा उठाता रहा है कि पाकिस्तान दुनिया भर से मिलने वाली सहायता का दुरुपयोग भारत के खिलाफ आतंकवाद के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कर रहा है। विश्व बैंक के अनुसार भारत ने रिकॉर्ड संख्या में अपने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की करीब 45 फीसदी आबादी गरीबी में जी रही है, जबकि 16.5 लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं।

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