India News (इंडिया न्यूज), Global terrorism index 2025: पुरानी कहावत है कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वो खुद उसी गड्ढे में गिर जाता है। ठीक ऐसा ही पाकिस्तान के साथ हो रहा है। पाकिस्तान का अपना टीटीपी संगठन अब उसके लिए मुसीबत बन गया है। दुनिया में आतंकवाद फैलाने वाला पाकिस्तान इसे अपने घर में फैलने से नहीं रोक सका। खुद पाकिस्तानी सरकार और सेना की नीतियों ने उसके लिए मुसीबत खड़ी कर दी। एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब पाकिस्तान के किसी प्रांत में सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों या विद्रोहियों द्वारा हमला न किया जाता हो। अब स्थिति यह हो गई है कि पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2025 में दूसरे स्थान पर रखा गया है।
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक एंड पीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में 163 देशों की आतंकवाद रैंक जारी की गई है। इस सूची में पश्चिम एशिया का बुर्किना फासो पहले नंबर पर, पाकिस्तान दूसरे नंबर पर, सीरिया को तीसरे नंबर पर रखा गया है। यह रिपोर्ट आतंकवादी घटनाओं, उनके कारण हुई मौतों और घायलों के साथ-साथ बंधक बनाने की घटनाओं के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में पिछले पांच सालों से लगातार आतंकवादी घटनाएं बढ़ रही हैं। साल 2023 में 517 हमले हुए। 2024 में यह दोगुना होकर 1099 हो गया है।
TTP शक्तिशाली हुआ
इससे पाकिस्तानी सेना के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है। विद्रोही या आतंकवादी समूह जो अब तक अलग-अलग काम करते थे, अब एक साथ आ रहे हैं। यही वजह है कि TTP की ताकत लगातार बढ़ रही है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से अब तक करीब 75 छोटे-बड़े समूह TTP और हाफिज गुल बहादुर (HGB) समूह में शामिल हो चुके हैं। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, TTP लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बना हुआ है। 2024 में पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में मारे गए कुल लोगों में से 52 प्रतिशत से अधिक लोग TTP के हमलों के कारण मारे गए। 2024 में TTP ने 482 आतंकवादी हमले किए। इसमें मरने वालों की संख्या 558 थी। पिछले साल के मुकाबले इसमें 91 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। साल 2023 में TTP के हमलों में 293 लोग मारे गए। इनमें से ज्यादातर पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा बल हैं।
खैबर पख्तून ख्वा और बलूचिस्तान में हुए सबसे ज्यादा हमले
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते खराब हो गए थे। टीटीपी पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर सबसे ज्यादा सक्रिय है। यहां से वे लगातार पाकिस्तान पर हमले करने में लगे हुए हैं। पाकिस्तान में सिर्फ दो प्रांत ऐसे हैं जहां सुरक्षा बलों पर सबसे ज्यादा हमले हुए हैं। एक है खैबर पख्तून ख्वा और दूसरा है बलूचिस्तान। पूरे पाकिस्तान में 90 फीसदी आतंकी घटनाएं और मौतें इन्हीं दो प्रांतों में हुई हैं। इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि पाकिस्तान को अपनी नीतियों के कारण अपने ही घर में अघोषित युद्ध लड़ना पड़ रहा है।
बलूच विद्रोहियों ने 2024 का सबसे घातक हमला किया
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी बर्बरता के खिलाफ बलूच विद्रोहियों ने भी खूब हंगामा मचाया है। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स रिपोर्ट में भी यह बात स्पष्ट की गई है। बलूच विद्रोहियों ने क्वेटा रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमला किया। वह हमला साल 2024 का सबसे ख़तरनाक हमला था। इस हमले में 25 से ज़्यादा सुरक्षा बल मारे गए थे। बलूच विद्रोहियों ने साल 2024 में 504 हमले किए। इन हमलों में 388 सुरक्षा बल और लोग मारे गए. यह आँकड़ा साल 2023 से कई गुना ज़्यादा है। साल 2023 में कुल 116 हमलों में मरने वालों की संख्या 88 थी।
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