India News (इंडिया न्यूज),Pakistan: पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उसने एक जातीय पश्तून राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। जिसके चलते सरकार ने इस पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इस पार्टी को आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 1997 की धारा 11बी के तहत अवैध घोषित किया गया है।पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के आदिवासी इलाके में सक्रिय है। यह पार्टी अक्सर पाकिस्तानी सेना की आलोचना करती है। कहा जाता है कि पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने पाक सेना को खुली चुनौती दी है। सरकार ने इसे देश के लिए खतरा बताया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक पीटीएम देश में सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
सेना को खुली चुनौती
यह समूह मंजूर पश्तीन के नेतृत्व में कुछ वर्षों से सक्रिय था, जिसका नेतृत्व अफगानिस्तान की सीमा से लगे आदिवासी इलाके की समस्याओं के लिए पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहराता है। इस समूह का मानना है कि कबायली इलाकों में हो रही सभी समस्याओं के लिए पाकिस्तानी सेना जिम्मेदार है। ऐसे में यह समूह सेना की जमकर आलोचना करता है और सेना को खुली चुनौती देता है।पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि पश्तून तहफुज मूवमेंट देश के अंदर और बाहर, खासकर अफगानिस्तान में सक्रिय राष्ट्रविरोधी तत्वों का मोहरा बन गया है। हालांकि, पीटीएम हमेशा से इन आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है।
कैसे हुई थी पीटीएम की शुरुआत
पीटीएम की शुरुआत मई 2014 में महसूद तहफुज मूवमेंट के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना मंजूर पश्तीन ने की थी। बताया जाता है कि जब छात्रों के एक समूह ने वजीरिस्तान और कबायली इलाके के दूसरे हिस्सों से बारूदी सुरंगों को हटाने की पहल के तौर पर इसका गठन किया था। तब से यह समूह सक्रिय है। खैबर पख्तूनख्वा के कबायली इलाकों में इस समूह को काफी समर्थन मिलता है। पश्तून तहफुज मूवमेंट के नेता आरिफ वजीर की हत्या के बाद यह समूह लगातार सेना के लिए चुनौती बनता जा रहा है।