India News (इंडिया न्यूज), Operation Sindoor: भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हवाई हमले किए जाने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मीडिया से गुहार लगा रहा है कि हम पहलगाम हमले की जांच के लिए तैयार थे, लेकिन भारत ने पहले हमला कर दिया।
इस बीच, जब पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार एक विदेशी न्यूज चैनल को इंटरव्यू दे रहे थे, तो उन्होंने कई ऐसे दावे किए, जिनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं था, जिस पर एंकर ने न सिर्फ उन्हें टोका बल्कि पाकिस्तान के पूरे आतंकवाद की पोल खोल दी।
‘हमारा पूरा कार्यक्रम तय था’
पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान में पांच अलग-अलग जगहों को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें कई लोग मारे गए।स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में तरार ने कहा, “भारत ने आधी रात को हमला किया, जब हम विदेशी और स्थानीय पत्रकारों को बहावलपुर और मुर्तिकर ले जाने की योजना बना रहे थे। हमारा पूरा कार्यक्रम तय था, विमान तैयार था।” जब तरार से सवाल किया गया कि भारतीय सेना का दावा है कि कुल नौ जगहों पर हमले किए गए और ये सभी हमले आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।
इसके जवाब में अता तरार ने कहा, “पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं है। हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ित हैं। आतंकवाद के खिलाफ जंग में हमने 90,000 लोगों की जान गंवाई है। आज भी बलूचिस्तान और दूसरे इलाकों में हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं।” पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अग्रिम पंक्ति का देश है और पश्चिमी सीमा पर हमेशा आतंकियों से लड़ता रहा है।
एंकर ने पाकिस्तानी नेताओं के बयानों की याद दिलाई
इस पर शो के एंकर ने उन्हें याद दिलाया कि एक हफ्ते पहले खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इसी शो में माना था कि पाकिस्तान दशकों से आतंकी समूहों को समर्थन, फंडिंग और ट्रेनिंग देता रहा है। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने भी सार्वजनिक तौर पर इस नीति को स्वीकार किया है। यहां तक कि बिलावल भुट्टो ने भी इसे स्वीकार किया है।
एंकर ने कहा, “2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता रोक दी थी और कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। ऐसे में ‘पाकिस्तान में कोई आतंकवादी शिविर नहीं है’ कहना आपके अपने वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत है। आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और समर्थन देना पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रहा है और आज भी है।”
‘लादेन भी पाकिस्तान में था’
इस पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘रक्षा मंत्री ने जो कहा, मुझे लगता है कि उनका मतलब गलत समझा गया है। 9/11 के बाद पाकिस्तान सबसे आगे था और आज भी हम आतंकवाद को खत्म करने में अग्रणी देश हैं। आप देखिए, जब हम विश्व शांति के गारंटर हैं, क्योंकि हम आतंकवादियों और बाकी दुनिया के बीच दीवार बनकर खड़े हैं, तो मैं आपको पाकिस्तान आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, आइए और देखिए।’ इस पर एंकर ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि मैं पाकिस्तान गया हूं और हमें पता है कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में मिला था।
एंकर ने पूछा कि आपकी सरकार ने पहले भी भारत पर ऐसे आरोप लगाए हैं, लेकिन आपने कभी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संतुष्ट नहीं किया। क्या यह महज दुष्प्रचार नहीं है? इस पर अताउल्लाह तरार ने कहा कि भारत लगातार हमारी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है। भारत खुद को जज और जूरी मानता है। हमें जवाब देने का पूरा अधिकार है।
हम जांच के लिए तैयार थे लेकिन भारत ने सीधे हमला कर दिया
एंकर ने पूछा कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था। उस हमले में पर्यटकों पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध माना जाता है। इस पर तरार ने कहा, “भारत के पास कोई सबूत नहीं है। हम जांच के लिए तैयार थे, हमने यहां तक कहा कि यूएन, यूके जैसे देशों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन भारत ने जांच करने से इनकार कर दिया और सीधे हमला कर दिया।”
‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आना चाहिए’
अता तरार ने कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपना पक्ष रख दिया है। “हमारे प्रधानमंत्री ने यूएन महासचिव, ईरान, मलेशिया, चीन, सऊदी अरब और कई अन्य देशों के नेताओं से बात की है। हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि भारत हमला कर सकता है।” तरार से पूछा गया कि क्या हालात और बिगड़ सकते हैं? इस सवाल पर अता तरार ने कहा, “हालात लगातार बदल रहे हैं। हम फिलहाल जवाबी कार्रवाई में लगे हुए हैं। भारत को शांति की हमारी चाहत को हमारी कमज़ोरी नहीं समझना चाहिए। अगर उन्होंने दोबारा हमला किया तो जवाब और भी कड़ा होगा।”