India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Donkey Business : आतंकियों और उनके आकाओं को पालते-पालते पाकिस्तान भीख मंगा हो रखा है। वहां की आवाम के पास तीन टाइम का खाना खाने के लिए अनाज तक नहीं है। पीएम शहबाज हर वक्त हाथ में कटोरा लेकर बाकी देशों से भीख मांगते हुए नजर आते हैं। खस्ता हाली की वजह से वहां पर सारे कारोबार खत्म हो गए हैं। लेकिन एक धंधा ऐसा भी है जो इस वक्त जमकर फल-फूल रहा है। यहां पर हम गधों की बात कर रहे हैं।
पाक में गधों का कारोबार तेजी से चल रहा है, और ये बात हम नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान की तरफ से पेश किए गए आकड़े बता रहे हैं। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अब देश में गधों की संख्या 60 लाख के पार हो गई है।
गधों से कमाई कर रहा है PAK
दरअसल पाकिस्तान में गधे के व्यापार के बढ़ने के पीछे चीन का बड़ा हाथ है। चीन में गधे के मांस की मांग बढ़ रही है और पाकिस्तान से मांस भेजा जा रहा है, लेकिन मांस ही नहीं, गधे की खाल से बना एक खास औषधीय जिलेटिन – जिसे ई-जियाओ कहते हैं, भी चीन में काफी लोकप्रिय है।
इस जिलेटिन का इस्तेमाल चीनी दवाओं में किया जाता है और इसे काफी कीमती माना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ई-जियाओ का इस्तेमाल क्लीनिकों में थकान दूर करने, इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने, ट्यूमर को खत्म करने और एनीमिया से राहत दिलाने जैसे प्रभावों के लिए किया जाता है।
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
फरवरी में जियो न्यूज ने बताया था कि ग्वादर में एक बड़ा बूचड़खाना शुरू किया गया है, जो खास तौर पर गधे से जुड़े उत्पादों को चीन भेजने के लिए बनाया गया है। इसमें गधे की हड्डियां, मांस और ‘ई-जियाओ’ शामिल हैं।
गधों की देखभाल के लिए काम करने वाली संस्था द डोंकी सैंक्चुरी ने बताया कि इस कारोबार की बढ़ती मांग से गधों की संख्या पर दबाव पड़ रहा है। अनुमान है कि ई-जियाओ की जरूरतों को पूरा करने के लिए करीब 59 लाख गधों की खाल की जरूरत होगी।
वहीं, सांख्यिकी ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल के मुकाबले गधों की संख्या 1,09,000 बढ़कर कुल 60.8 लाख से ज्यादा हो गई है, जो इससे पहले करीब 59 लाख थी। यह बढ़ोतरी पाकिस्तान सरकार द्वारा गधे उत्पादन क्षेत्र में किए गए निवेश का नतीजा है।