India News (इंडिया न्यूज),Pakistan:पाकिस्तान के भिखारियों से पूरी दुनिया परेशान है, सऊदी अरब समेत कई देशों ने पाकिस्तान सरकार से इस बारे में कई बार शिकायत की है। नतीजतन, पाकिस्तान ने 4300 भिखारियों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया है। यानी ये लोग अब पाकिस्तान से बाहर हवाई यात्रा नहीं कर सकेंगे।पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी ने सऊदी अरब के उप गृह मंत्री नासिर बिन अब्दुल अजीज-अल-दाऊद को कथित तौर पर सऊदी में भिखारियों को भेजने वाले ‘माफिया’ के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी है।
सऊदी अरब से सख्त चेतावनी
सऊदी अरब से सख्त चेतावनी मिलने के बाद पाकिस्तान सरकार ने यह कदम उठाया है। सऊदी अरब ने सितंबर में पाकिस्तानी भिखारियों को लेकर चिंता जताई थी। सऊदी प्रशासन ने पाकिस्तान सरकार से कहा था कि वह भिखारियों को पवित्र शहरों मक्का और मदीना में आने और हज और उमराह वीजा के नाम पर भीख मांगने से रोके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब समेत पश्चिम एशिया के कई देशों ने पाकिस्तान को भिखारियों के ‘निर्यात’ पर रोक नहीं लगने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। सितंबर में सऊदी अरब के अधिकारियों ने राज्य में धार्मिक तीर्थयात्रा के बहाने पवित्र शहरों में आने वाले भिखारियों की बढ़ती संख्या का जिक्र किया था।
सऊदी परेशान
यह पहली बार नहीं था जब सऊदी अरब ने इस मुद्दे को उठाया हो। पिछले साल भी किंगडम ने हज के दौरान इस पर चिंता जताई थी। इसके बाद मई में सऊदी अरब ने बिना पर्याप्त मंजूरी के हज के लिए आने वालों पर रोक लगाने का फतवा जारी किया था। इसके तहत उल्लंघन करने वालों को निर्वासित करने और 10 हजार रियाल (2.22 लाख रुपये) का जुर्माना लगाने की बात कही गई थी।
पाकिस्तान ने उठाए सख्त कदम
इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान ने दो हजार लोगों के पासपोर्ट खारिज कर दिए थे। इन लोगों की पहचान पाकिस्तान सरकार ने पेशेवर भिखारियों के तौर पर की थी जो विदेश जाकर देश की छवि खराब कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, अगर कोई भी पाकिस्तानी नागरिक विदेश में भीख मांगता हुआ दिखाई देता है तो उसका पासपोर्ट 7 साल के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा।
पाकिस्तानी अधिकारियों का तर्क है कि देश की प्रतिष्ठा और नागरिकों की गरिमा को बनाए रखने के लिए इस तरह के कदम बहुत ज़रूरी हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सऊदी अरब में भीख मांगने की प्रथा को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।
कितनी बड़ी है समस्या?
सऊदी अरब के शहरों, खास तौर पर मक्का, मदीना और जेद्दा में पाकिस्तानी भिखारियों का दिखना आम बात हो गई है। इन पवित्र शहरों में भिखारियों की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या पैदा कर रही है। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और बिगड़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए कई पाकिस्तानी धार्मिक यात्रा की आड़ में पश्चिम एशिया के देशों, खास तौर पर सऊदी और यूएई में जाकर भीख मांगना शुरू कर देते हैं।
पिछले साल सितंबर में पाकिस्तान के विदेश सचिव जीशान खानजादा ने कहा था कि पश्चिम एशियाई देशों में पकड़े गए भिखारियों में से करीब 90 फीसदी पाकिस्तानी थे। खानजादा ने कहा था कि इराक और सऊदी अरब के राजदूतों ने बताया है कि पाकिस्तानी भिखारी तीर्थयात्रा के नाम पर विदेश जाते हैं और फिर सड़कों पर भीख मांगना शुरू कर देते हैं।
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