India News (इंडिया न्यूज), Pakistan News: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है। अब इन मुस्लिम देशों ने भी उसका साथ छोड़ दिया। आतंक के खिलाफ भारत की मुहीम का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। हाल के दिनों में पाकिस्तान को कई मोर्चों पर मुस्लिम देशों की आलोचना और असहयोग का सामना करना पड़ा है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि को गहरा धक्का लगा है। पाकिस्तान की विदेश नीति और आतंकवाद के प्रति उसके ढुलमुल रवैये को लेकर मुस्लिम देश भी सख्त हो गए हैं।
इन मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा किया
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ईरान, सऊदी अरब, यूएई, मिस्र और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख मुस्लिम देशों ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों की आलोचना की और पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे कठघरे में खड़ा किया। बैठक के दौरान जब आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं की बात आई तो कई प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान के आतंकवादियों को संरक्षण देने के रवैये की ओर इशारा किया।
ईरान ने जताई नाराजगी
सूत्रों के अनुसार, ईरान ने बलूच विद्रोहियों और सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों पर कड़ी नाराजगी जताई। सऊदी अरब ने वैश्विक मंचों पर “जिम्मेदार मुस्लिम राष्ट्र” बनने की जरूरत पर जोर दिया। यूएई और मिस्र ने आतंकवाद को धार्मिक आवरण देने वाले संगठनों को वित्तीय सहायता बंद करने की अपील की। इंडोनेशिया ने साफ कर दिया कि “मुस्लिम दुनिया की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी देश का समर्थन नहीं किया जाएगा।”
बुरी तरह शमर्सार हुए शहबाज शरीफ
जानकारी के अनुसार, इस बैठक में मौजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए बेहद शर्मनाक साबित हुआ। सूत्रों के मुताबिक, बैठक के बाद बंद कमरे में उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की और कूटनीतिक विफलता के लिए कुछ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। इन मुस्लिम देशों के इस सामूहिक संदेश को पाकिस्तान के लिए साफ चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। “अब दुनिया चुप नहीं रहेगी। जो देश आतंकियों को पालेंगे, वे खुद ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ जाएंगे।” FATF ने पहले ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है। अब मुस्लिम देशों के रुख में आया बदलाव पाकिस्तान के लिए चेतावनी है कि उसकी पारंपरिक “मुस्लिम एकता” की ढाल अब नहीं रहेगी।